जामताड़ा : जिले में शुक्रवार को मुहर्रम पर्व अकीदत व सादगी के साथ मनाया गया हालांकि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण इस बार दूसरे वर्ष भी मुहर्रम में जुलूस नहीं निकाला गया और ना ही मेला लगा। मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में अपने अपने मोहल्ले में अखाड़ा व निशान लगाया गया। जिले में इमाम हसन हुसैन की सच्चाई के प्रति बलिदान की याद में मनाया जाने वाला मोहर्रम पर्व शांति व भाईचारे के साथ मनाया गया।
इस बार लोगों ने जुलूस नहीं निकाल कर अपने अपने गांव में अखाड़ा का प्रदर्शन किया छोटे-छोटे बच्चों के अलावे नौजवानों ने करतब दिखाए। इस क्रम में लोगों ने लाठी और तलवार के करतब दिखाए। लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का भी भरपूर ख्याल रखा। वही हर साल की तरह इस बार भी ताजिया तो बनाए गए थे लेकिन उनके आकार को छोटा कर दिया गया।
मातमी जुलूस इस बार नहीं निकलने की वजह से लोगों ने घरों में ही रहकर मातम में शिरकत की। हर साल मुहर्रम के दौरान जामताड़ा सुभाष चौक इंदिरा चौक एसडीओ कार्यालय सहित विभिन्न स्थानों पर अखाड़ा का प्रदर्शन होता था। लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस बार दूसरे साल भी मुहर्रम में जुलूस नहीं निकलने से लोगों में मायूसी देखी गई।
रिपोर्ट: निशिकान्त मिस्त्री