रांची: नीति आयोग ने झारखंड के 34 पिछड़े प्रखंडों के विकास के लिए एक योजना तैयार की है। इसके साथ ही देश भर में 500 आकांक्षी प्रखंडों का चयन किया गया है, जिसमें झारखंड के 34 प्रखंड भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को इन प्रखंडों के विकास के कार्यक्रमों पर सभी जिलों के उपायुक्तों (डीसी) के साथ वीडियो कॉन्फ़्रेंस के माध्यम से बात करेंगे। इसमें झारखंड के सभी डीसी शामिल होंगे। नीति आयोग ने जुलाई 2023 में इन प्रखंडों को शामिल करने की मंजूरी दी है।
नीति आयोग की टीम ने रांची में आकर इसकी विधिवत जानकारी राज्य सरकार को प्रस्तुत की थी। यह मालूम है कि नीति आयोग ने राज्य सरकार के माध्यम से सभी जिलों के अत्यंत पिछड़े प्रखंडों की सूची मांगी थी।
इसके परिणामस्वरूप, राज्य से कुल 34 प्रखंडों के नाम आयोग को भेजे गए। नीति आयोग का लक्ष्य झारखंड के 19 आकांक्षी जिलों में काम करना था, लेकिन बाद में यह नौ जिलों में ही सीमित रहा। झारखंड के कुल 119 प्रखंडों का चयन आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम के तहत किया गया था।
नीति आयोग ने इन प्रखंडों के लिए कई कामकाज के इंडिकेटर तय किए हैं, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, आजीविका, पेयजल, और कृषि शामिल हैं।
झारखंड के इन 34 प्रखंडों में बोकारो जिले का गोमिया प्रखंड, चतरा का मयूरहंड, देवघर का देवीपुर, कारवां, सारठ व सारवां, धनबाद का गोविंदपुर, दुमका का जरमुंडी व रामगढ़, पूर्वी सिंहभूम का मुसाबनी, गढ़वा का मझियांव, गिरिडीह का जमुआ, गोड्डा का सुंदर पहाड़ी, गुमला का डुमरी, हजारीबाग का गोविंदपुर, दुमका का जरमुंडी व रामगढ़, पूर्वी सिंहभूम का मुसाबनी, गढ़वा का मझियांव, गिरिडीह का जमुआ, गोड्डा का सुंदर पहाड़ी, गुमला का डुमरी, हजारीबाग का चौपारण और कटकमदाग, जामताड़ा का फतेहपुर और विद्यासागर, खूंटी का कर्रा, कोडरमा का जयनगर और मरकच्चो, लातेहार का महुआडांड़, लोहरदगा का किस्को, पाकुड़ का लिट्टीपाड़ा, पलामू का हरिहरगंज, रामगढ़ का पतरातु, रांची का मांडर, साहिबगंज का मंडरो, सरायकेला का गम्हरिया, कुकरू और सरायकेला, सिमडेगा का बांसजोर, पश्चिमी सिंहभूम का गुजरी और टोंटो प्रखंड शामिल हैं।