रांची: राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने घोषणा की है कि एमबीबीएस और अन्य चिकित्सा स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नीट यूजी 2025 परीक्षा पेन-एंड-पेपर मोड में आयोजित की जाएगी। यह परीक्षा ओएमआर शीट पर एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में आयोजित होगी। एनटीए का यह निर्णय राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग और राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत लिया गया है।
इसके तहत बीएएमएस, बीयूएमएस, बीएसएमएस, और बीएचएमएस जैसे भारतीय चिकित्सा पद्धतियों के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए भी नीट यूजी में उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा। यह परीक्षा चिकित्सा शिक्षा के लिए देशभर में एक समान मानक स्थापित करेगी।
शिक्षाविद् पंकज कुमार सिंह के अनुसार, इस वर्ष परीक्षा के प्रश्न पिछले साल की तुलना में अधिक कठिन हो सकते हैं। 2024 के पेपर लीक विवादों के बाद परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करना एनटीए के लिए चुनौतीपूर्ण होगा। शिक्षाविद् गोपाल झा का कहना है कि पेन-एंड-पेपर मोड को लेकर छात्रों और अभिभावकों के बीच चिंताएं बनी हुई हैं, विशेषकर कदाचार और पेपर लीक की संभावनाओं को लेकर।
कुछ छात्रों का मानना है कि पेन-एंड-पेपर मोड उन्हें अधिक आत्मविश्वास प्रदान करता है, जबकि अन्य इसे सुरक्षा के दृष्टिकोण से कमजोर मानते हैं। अभिभावकों और छात्रों को उम्मीद है कि एनटीए इस बार परीक्षा प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित बनाएगी।
हालांकि परीक्षा की तिथि अभी घोषित नहीं हुई है, लेकिन पंजीकरण प्रक्रिया फरवरी या मार्च 2025 की शुरुआत में शुरू होने की संभावना है।
नीट यूजी 2025 के लिए एनटीए की तैयारियों को लेकर छात्रों और शिक्षा जगत की निगाहें इस पर टिकी हैं कि यह परीक्षा पिछले वर्षों की तुलना में अधिक पारदर्शी और सुरक्षित हो।