Patna– नेताओं से आम लोगों की नाराजगी कोई नई बात नहीं है. वह नेता ही क्या, जिससे लोग नाराज नहीं हो. कई बार तो लोगों की नाराजगी ही वह पैमाना होता है, जिससे नेताजी अपनी लोकप्रियता का अंदाज लगाते हैं.
लेकिन यह नाराजगी जरा हट के है क्योंकि इसकी जद में नेताजी का चक-चक सफेद कुर्ता-धोती और पाजामा भी आनेवाला है वह भी ठीक होली के पहले.
दरअसल धोबीघाट के लोग नाराज़ हैं. इसलिए राजधानी पटना के 6 धोबीघाटों ने फस्ट मार्च से नेताओं का बायकॉट करने का ऐलान किया है. कपड़ा धोनेवालों ने किसी भी बड़े नेता का कपड़ा नहीं धोने का फैसला लिया है. धोबियों की नाराजगी इस बात को लेकर है कि नेताजी ने 2018 में पटना के 6 धोबीघाटों को जीर्णोद्धार करने आश्वासन दिया था. लेकिन अपनी आदत के अनुरुप नेताजी इस वादे को भूला बैठे, रत्ती भर भी काम नहीं हुआ. अब तीन साल बीतने के बाद न्यू कैपिटल धोबीघाट संघ ने इस मुद्दे पर व्यापक जन आन्दोलन की घोषणा की है. नेताजी के चक-चक सफेद कुर्ते को मटमैला करने की चेतावनी दी है .
बताया जा रहा है कि इस मामले में बिहार के सबसे बड़े नेता नीतीश कुमार ने कार्रवाई का आदेश दिया था, लेकिन उनका आदेश भी आम नेताओं की राह पर चल पड़ा.
यही कारण है कि नेताओं की राजधानी पटना में करीबन 10 हजार कामगार इस समस्या से प्रभावित हैं. उनकी निगाहें अपने प्रिय नेताओं पर टिकी हुई है. अब उनकी ओर से 1 मार्च से राज्य के बड़े से लेकर छोटे नेताओं और सांसद-विधायकों का कपड़ा न धोने का मन बना लिया है.
रिपोर्ट- शक्ति
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