नीतीश सरकार ने अंधेरे में किया आयोग का गठन- बीजेपी

पटना : नगर निकाय चुनाव पर पटना हाई कोर्ट के फैसले का बीजेपी ने स्वागत करते हुए ऐतिहासिक बताया है.

बिहार विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि

बिहार सरकार ने रात के अंधेरे में आयोग का गठन किया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रबर स्टैंम्प हैं.

आयोग के गठन पर उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा समाज के साथ नीतीश कुमार फिर धोखा दे रहे हैं.

वे ऐसे व्यक्ति को अध्यक्ष बनाया जो बीमार हैं. जिनकी हाल ही में बाईपास सर्जरी हुई है.

आयोग का अध्यक्ष उनको कैसे बना सकते हैं. अति पिछड़ा समाज ऐसा अन्याय नहीं सहेगा.

नीतीश कुमार पलटीमार के प्रतीक

सम्राट चौधरी ने कहा कि पटना हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश को आयोग में रखा जाए.

उनकी देख रेख में रिपोर्ट बनाया जाए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोगों की आंखों में धूल झोख रहें.

नीतीश कुमार पलटीमार के प्रतीक हैं. वे कभी भी कुछ भी कर सकते हैं. 7 बार पार्टी बदल चुके हैं.

अब बौगी बन कर ही रहेंगे सीएम नीतीश

उन्होंने कहा कि बीजेपी का स्टैंड क्लियर है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब इंजन नहीं बन सकते हैं, अब वे सिर्फ बौगी बन कर ही रहेंगे. लालू यादव को बीजेपी ने राजनीति में पैदा किया. नीतीश कुमार की भी उत्पति बीजेपी ने ही कराई है.

अति पिछड़ा आरक्षण को लेकर आयोग का गठन

बता दें कि बिहार सरकार ने नगर निकाय चुनाव पर हाईकोर्ट से रिव्यू पिटिशन को वापस ले लिया. इसके कुछ ही देर बाद नगर निकाय चुनाव के लिए आयोग बनाने की घोषणा कर दी. बिहार सरकार ने नगर निकाय चुनाव में अति पिछड़ा आरक्षण को लेकर आयोग का गठन कर लिया है. इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है.

बीजेपी: नवीन कुमार आर्य बने आयोग के अध्यक्ष

जेडीयू के प्रदेश महासचिव नवीन कुमार आर्य को इस आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है. वहीं, जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद निषाद को सदस्य बनाया गया है. इसके अलावा दो और लोगों को सदस्य बनाया गया है. इसमें ज्ञान चंद पटेल और तारकेश्वर ठाकुर शामिल है. यह आयोग नगर निकाय चुनाव में राजनीतिक रूप से अति पिछड़े वर्ग को लेकर अध्ययन करेगा. उसकी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी. उसके मुताबिक आरक्षण की रिपोर्ट तैयार की जाएगी.

बिहार सरकार ने रिव्यू पिटिशन लिया वापस

इससे पहले बिहार में होने वाले नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों और अति पिछड़ों को आरक्षण का लाभ दिए जाने के मामले में पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. बिहार सरकार ने रिव्यू पिटिशन को वापस ले लिया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने राज्य सरकार व अन्य की पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई की. राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि अति पिछडे वर्ग के राजनीतिक पिछड़ेपन के लिए एक विशेष कमीशन का गठन किया जाएगा.

ये कमीशन राज्य में अति पिछडे वर्ग में राजनीतिक पिछडेपन पर अध्ययन कर राज्य सरकार को रिपोर्ट सौपेंगी. इसके बाद राज्य सरकार के रिपोर्ट के आधार पर राज्य चुनाव आयोग राज्य में नगर निकायों का चुनाव कराएगा. कोर्ट ने इसके साथ ही राज्य सरकार व अन्य द्वारा दायर पुनर्विचार याचिकाओं को निष्पादित कर दिया.

बीजेपी: हाईकोर्ट ने चुनाव पर लगाई थी रोक

दरअसल ईबीसी आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट ने चुनाव पर रोक लगा दी थी. जिसके बाद बिहार सरकार ने ईबीसी आरक्षण मामले में पटना हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी. जिस पर आज सुनवाई हुई. बता दें कि ईबीसी आरक्षण में नियमों का पालन नहीं होने का हवाला देते हुए 4 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने चुनाव पर रोक लगा दी थी.

रिपोर्ट: प्रणव राज

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