पटना: पटना के दूसरे बड़े सरकारी अस्पताल NMCH में एक मृत व्यक्ति का एक आंख गायब होने का मामला जैसे ही प्रकाश में आया वैसे ही अब जमकर राजनीति शुरू हो गई है। विपक्ष जहां इस सवाल को लेकर सरकार पर बड़ा हमला कर रहा है कि आखिरकार सरकार के लाख कोशिशों के बावजूद बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था किस तरह से चरमराई हुई है, कि जब तक वह व्यक्ति जिंदा था उसके दोनों आंख थे और मरने के बाद उसकी एक आंख अस्पताल से ही गायब हो जाती है। इसमें कहीं ना कहीं सरकार की नाकामी साफ दिख रही है।
विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए जनता दल यूनाइटेड ने विपक्ष पर बड़ा हमला बोला है। जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि एनएमसीएच की घटना काफी दुखद है। युवक की गोली लगने से मौत हुई और उसकी आंख भी निकाल ली गई इससे कोई भी इनकार नहीं कर सकता। जैसे ही इस बात की जानकारी एनएमसीएच प्रशासन को लगी वैसे ही डॉ विनय कुमार की अध्यक्षता में 12 घंटे के भीतर जांच प्रतिवेदन जमा करने और दोषी व्यक्ति को चिह्नित कर उसके खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने की जिम्मेदारी सौंप गई है।
साथ ही साथ स्थानीय थाना में आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। यह घटना अपवाद है अपवाद की घटना दुखद है। अगर इस पीड़ादायक घटना पर विपक्ष सवाल खड़ा कर रहा है तब फिर विपक्ष यह बताए कि जब लालू प्रसाद यादव जी की तबीयत खराब होती है तब वह आईजीआईएमएस क्यों जाते हैं। उनके परिजन कि जब तबीयत खराब होती है तब वह सरकारी अस्पताल की तरफ क्यों रूख करते हैं।
सरकारी अस्पताल न जाएं, पारस और मेदांता ऐसे प्राइवेट अस्पताल में यह लोग तब क्यों नहीं जाते। जब उनकी सरकार थी और लालू प्रसाद यादव के बेटे स्वास्थ्य मंत्री थे तब उस समय घर के बाहर हमेशा सरकारी एंबुलेंस खड़ा रहता था। इतना ही नहीं डॉक्टरों की टीम का डेप्यूटेशन करवा कर रखते थे और जब यह सरकार से हट गए हैं तो कह रहे हैं की सारी सरकारी व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। जब लालू जी का राज था तब सरकारी अस्पतालों में मात्र 39 मेरी जाते थे मगर आज देख लीजिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों की लाइन लगी हुई है।
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पटना से महीप राज की रिपोर्ट
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