Wednesday, October 22, 2025
Loading Live TV...

Latest News

बिहार चुनाव को लेकर पूर्व मंत्री का सीएम हेमंत सोरेन पर निशाना, जेएमएम के राजद से गठबंधन पर कह दी बड़ी बात

रांची. बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड की राजनीति में भी सरगर्मी तेज है। पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता भानु प्रताप शाही ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि उन्होंने राजद (RJD) से गठबंधन कर झारखंड के स्वाभिमान के साथ समझौता किया है।पूर्व मंत्री का सीएम हेमंत सोरेन पर निशाना भानु प्रताप शाही ने कहा कि, "हेमंत सोरेन जी, आपने झारखंड में RJD को सम्मान दिया, दो-दो बार मंत्री बनाया, लेकिन बिहार में आपको धक्का मारकर निकाला गया। यही आपकी राजनीति की असलियत है।" भानु ने याद दिलाया कि विधानसभा में उन्होंने पहले ही कहा...

मालिक ने मांगा दुकान का भाड़ा और मामला पहुंच गया कोर्ट, जानें पूरा मामला..

Dhanbad: जिले के हीरापुर इलाके में बुधवार को एक पुराने संपत्ति विवाद मामले में कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की। धनबाद सिविल कोर्ट ने जमीन और मकान मालिक के पक्ष में फैसला सुनाते हुए भाड़े पर दी गई पांच दुकानों को खाली कराने और सील करने का आदेश दिया था। आदेश का पालन करते हुए मजिस्ट्रेट और धनबाद सदर थाना पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई पूरी की।क्या है पूरा मामलाः जानकारी के अनुसार पांच साल पुराना है। हीरापुर निवासी भगवान सिंह ने 2000 में यह संपत्ति खरीदी थी। उस समय इस जमीन और...

हजारीबाग यूथ विंग के पदाधिकारियों ने सांसद मनीष जायसवाल से की मुलाकात

हजारीबाग. आगामी 24 अक्टूबर को आयोजित होने वाले छठ पूजन सामग्री कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर हजारीबाग यूथ विंग के पदाधिकारियों ने हजारीबाग के सांसद मनीष जायसवाल से सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर संस्था के सचिव रितेश खण्डेलवाल एवं उपाध्यक्ष विकास तिवारी ने सांसद महोदय को कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी और उन्हें इस भव्य आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया। सांसद मनीष जायसवाल ने संस्था के आमंत्रण को स्वीकार करते हुए कहा कि यदि मैं हजारीबाग में रहा तो अवश्य इस कार्यक्रम में सम्मिलित हो पाऊंगा। बिहार चुनाव को लेकर व्यस्तता अधिक है, किंतु हजारीबाग...

अब Deepfake वीडियो की पहचान करना होगा आसान, YouTube ने लॉन्च किया Detection Tool

Desk : YouTube ने क्रिएटर्स और दर्शकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपना नया AI Likeness Detection Tool लॉन्च कर दिया है। यह टूल विशेष रूप से उन वीडियोज की पहचान करेगा जो Deepfake तकनीक या किसी और AI से बनाए गए हैं। अब YouTube प्लेटफॉर्म पर अपलोड होने वाले वीडियोज यह पता लगाएंगे कि वे असली हैं या नकली। अगर किसी क्रिएटर की पहचान का गलत इस्तेमाल हुआ है, तो उन्हें तुरंत अलर्ट मिलेगा।

टूल का उद्देश्यः

YouTube ने इस टूल को लॉन्च करने का मकसद है कि डिजिटल दुनिया में बढ़ती Deepfake वीडियो के बावजूद क्रिएटर्स और दर्शक अपने भरोसेमंद कंटेंट तक सुरक्षित पहुंच बना सकें।

  • क्रिएटर्स की सुरक्षा: Deepfake वीडियो से किसी क्रिएटर की आवाज़ या चेहरे के गलत इस्तेमाल को रोका जा सके।
  • गलत जानकारी का प्रसार रोकना: प्लेटफॉर्म पर असली और नकली वीडियोज़ की पहचान हो सके।
  • पहचान की रक्षा: सुनिश्चित करना कि किसी की व्यक्तिगत पहचान का गलत इस्तेमाल न हो।

AI Likeness Detection Tool का एक्सेस कैसे मिलेगा?

शुरुआत में यह टूल केवल YouTube Partner Programme (YPP) के सदस्यों के लिए उपलब्ध है। इसे इस्तेमाल करने के लिए क्रिएटर्स को एक ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया पूरी करनी होगी:

  • डेटा प्रोसेसिंग के लिए सहमति देना।
  • गवर्नमेंट ID कार्ड जमा करना।
  • वीडियो सेल्फी अपलोड करना, ताकि पहचान की पुष्टि हो सके।
  • इन सभी जानकारियों को Google के सर्वर पर सुरक्षित रखा जाएगा। वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद ही क्रिएटर्स को टूल का एक्सेस मिलेगा।

 टूल कैसे काम करता है?

टूल एक्टिव होने के बाद क्रिएटर्स को YouTube Studio → Content ID सेक्शन में एक नया टैब “AI Likeness Detection” दिखाई देगा। इस सेक्शन में उन वीडियोज की लिस्ट दिखाई जाएगी। जिनमें AI या Deepfake के इस्तेमाल का संदेह है। सिस्टम इन वीडियोज को प्रायोरिटी बेसिस पर कैटेगराइज करेगा, ताकि क्रिएटर्स पहले सबसे जरूरी मामलों की समीक्षा कर सकें।

Deepfake वीडियो मिलने पर क्या करें?

किसी वीडियो में आपकी आवाज या चेहरा गलत तरीके से इस्तेमाल हुआ है, तो क्रिएटर्स के पास दो विकल्प होंगे:

  • Remove Request: वीडियो हटाने की रिक्वेस्ट करें।
  • Archive Request: यदि वीडियो हानिकारक नहीं है, तो उसे रिकॉर्ड के लिए आर्काइव करें।

YouTube इसके बाद उस वीडियो की समीक्षा करेगा और आवश्यक कार्रवाई करेगा।

 ध्यान देने वाली बातेंः

यह टूल अभी शुरुआती फेज में है, इसलिए कभी-कभी अपनी खुद की वीडियो भी फ्लैग हो सकती है। यूजर्स “Manage Tool” सेक्शन से इसे डिसेबल भी कर सकते हैं। फीचर बंद करने पर 24 घंटे के भीतर YouTube डेटा प्रोसेस करना बंद कर देगा।

क्यों पड़ी टूल की जरूरत क्यों?

आजकल Deepfake वीडियो बहुत वास्तविक लगने लगे हैं, जिससे असली और नकली में फर्क करना मुश्किल हो गया है। किसी क्रिएटर की आवाज़ या चेहरे का गलत इस्तेमाल न केवल उनकी प्रतिष्ठा पर असर डालता है बल्कि उनके दर्शकों के भरोसे को भी प्रभावित करता है। YouTube का यह कदम क्रिएटर्स की पहचान की सुरक्षा और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ईमानदारी बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

पायलट और लॉन्चः

YouTube ने इस फीचर का पहला पायलट दिसंबर 2024 में शुरू किया था। अब इसे ग्लोबली लॉन्च कर दिया गया है ताकि दुनियाभर के क्रिएटर्स अपनी पहचान की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें और किसी भी Deepfake वीडियो की पहचान कर सके।

Related Posts

Realme GT 8 Pro हुआ लॉन्च, 200MP कैमरा वाले इस फोन...

Desk. Realme GT 8 Pro और Realme GT 8 को कंपनी ने चीन में आधिकारिक रूप से लॉन्च कर दिया है। ये दोनों स्मार्टफोन...

Nobel Prize 2025: तीन वैज्ञानिकों को मिला 2025 केमिस्ट्री का नोबेल...

Nobel Prize 2025: रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने 2025 का रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार तीन वैज्ञानिकों सुसुमु किटागावा, रिचर्ड रॉबसन और ओमार...

Vivo ने Vivo V60e को भारत में किया लॉन्च, 200MP कैमरा...

Desk. चीनी स्मार्टफोन निर्माता Vivo ने भारत में अपनी लोकप्रिय V सीरीज के तहत नया स्मार्टफोन Vivo V60e लॉन्च कर दिया है। यह स्मार्टफोन...
146,000FansLike
25,000FollowersFollow
628FollowersFollow
642,000SubscribersSubscribe
WhatsApp Join our WhatsApp Channel