रांचीः बालासोर रेल हादसे पर रेलवे बोर्ड ने बयान जारी किया है. रेलवे बोर्ड की सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि दोनों ही ट्रेन अपनी सीमित स्पीड लिमिट में चल रही थी. ओवरस्पीडींग की कोई बात नहीं है. उस रुट की सीमित स्पीड लिमिट 130 km/hr है. कोरोमंडल ट्रेन 128km/hr के स्पीड से चल रही थी. दूसरी ट्रेन हावड़ा एक्सप्रेस 126 km/hr के स्पीड से चल रही थी. लोको पायलट के डेटा से कंफर्म किया गया है. वहीं लूप लाइन में दो मालगाड़ीयां खड़ी थी. सिग्नलिंग में गड़बड़ी पाई गई है. दोनों ट्रेनों को ग्रीन सिग्नल मिले थे. यशवंत एक्सप्रेस को भी ग्रीन सिग्नल मिले थे.
झारखंड की मेडिकल टीम पहुंची बालासोर
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदेश दिए कि रांची डीसी राहुल कुमार सिन्हा, श्रम सचिव राजेश शर्मा, सदर अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अजीत कुमार और दूसरे अधिकारियों को बालासोर भेजा जाए. उन्होंने झारखंड के लोगों और घायलों को पहचानने के लिए बालासोर मेडिकल कॉलेज में जुटने के निर्देश दिए हैं.
शुक्रवार की शाम हुआ था भीषण ट्रेन हादसा
बालासोर जिले में शुक्रवार की शाम को हुए रेल हादसे में अब तक सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. हादसे में लगभग 1000 लोग घायल हो गए हैं, जिनमें कई लोगों की हालत गंभीर है. ये हादसा भारत में अबतक की सबसे भीषण ट्रेन हादसों में से एक है. ये भारत के इतिहास के अबतक के सबसे भीषण ट्रेन हादसे में एक है. इस ट्रेन हादसे में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नै कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल थीं. इस ट्रेन हादसे से पूरा देश गमगीन है. देश-विदेश की हस्तियां हादसे पर शोक जता रही हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो, भारत में रूस के राजदूत, संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के अध्यक्ष चाबा कोरोशी ने भी ओडिशा में हुए भीषण ट्रेन हादसे को लेकर पीड़ित परिवारों के प्रति शोक जताया है.