जमुई : केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह इन दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम आते ही भड़क जाते हैं.
जब भी उनके किसी कार्यक्रम में नीतीश कुमार का नाम लेता है तो वे गुस्से में आ जाते हैं.
ऐसा ही नजारा जमुई में देखने को मिला.
जब केंद्रीय इस्पात मंत्री को पत्रकारों ने सीएम का ‘हनुमान’ बता दिया,
उस पर आरसीपी ने गुस्से में आ गए और कहा कि
मैं किसी के हनुमान नहीं हूं, मेरा नाम ‘रामचंद्र’ है.
जदयू में थी नंबर दो की हैसियत
बता दें कि कभी जदयू में नंबर दो की हैसियत रखनेवाले आरसीपी सिंह के सितारे इन दिनों गर्दिश में चल रहे हैं. पार्टी के सभी बड़े पदों से हटाने के साथ उन्हें फिर से राज्यसभा नहीं भेजने का गुस्सा बार-बार नजर आता है. अब स्थिति यह है कि बिहार के मुख्यमंत्री का नाम सुनते ही उनके चेहरे का रंग बदल जाता है.
नीतीश कुमार का हनुमान बताने पर आरसीपी को आया गुस्सा
यहां पत्रकारों के द्वारा कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से निकट होने के पूछे सवाल पर आरसीपी सिंह भड़क गए. यह कहने पर कि जिस तरह चिराग पासवान खुद को बीजेपी का ‘हनुमान’ कहते थे, उसी तरह आपको नीतीश कुमार का हनुमान कहा जाता था. लेकिन खुद को नीतीश कुमार का हनुमान बताने पर आरसीपी ने गुस्से में कहा कि मैं हनुमान नहीं, मेरा नाम रामचंद्र है.
मौका आने पर दिया जाएगा जवाब- आसीपी
वहीं, जब आरसीपी सिंह से यह पूछा गया कि आखिर नीतीश कुमार से इतनी बेरुखी क्यों? तो इसपर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह आप लोग जानें, मुझे मालूम नहीं. इस दौरान आरसीपी सिंह ने अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि वो किसी के हनुमान नहीं, वो रामचंद्र हैं. जेडीयू और बिहार की राजनीति के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि मौका आने पर जवाब दिया जाएगा. वहीं, दिल्ली में सरकारी बंगला खाली कराए जाने पर उन्होंने कहा कि बंगला जब उनका था ही नहीं तो उसे खाली करने पर कैसी नाराजगी. वो बंगला संजय गांधी का था. उनके यहां वो कभी-कभी रह जाते थे.
कार्यक्रम में नजर नहीं आए एक भी कार्यकर्ता
बताते चलें कि आरसीपी सिंह, जेडीयू के पूर्व महिला प्रकोष्ठ की जिला अध्यक्ष के घर जन्मदिन के कार्य कार्यक्रम में शामिल होने जमुई पहुंचे थे. केंद्रीय इस्पात मंत्री जितनी देर जमुई में रूके यहां जेडीयू का न तो कोई नेता नजर आया न कोई कार्यकर्ता नजर आया. लगभग दो घंटे रहने के बाद आरसीपी सिंह वापस लौट गए.
रिपोर्ट: शक्ति