डिजिटल डेस्क : महाकुंभ पर बसंत पंचमी को संसद में हंगामा, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की महाकुंभ हादसे पर दायर जनहित याचिका। महाकुंभ पर बसंत पंचमी के दिन संसद में भी चर्चा छिड़ी तो जमकर हंगामा हुआ। महाकुंभ हादसे को लेकर सोमवार को विपक्ष ने संसद में जमकर हंगामा किया। विपक्ष ने राज्यसभा से इस मुद्दे पर वॉकआउट भी किया।
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने आशंका जताई कि महाकुंभ हादसे में षडयंत्र हो सकता है और हादसे की जांच के बाद पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी। वहीं सपा सांसद जया बच्चन ने महाकुंभ हादसे को लेकर बेतुका बयान दिया और कहा कि इस वक्त सबसे दूषित पानी कुंभ का है क्योंकि भगदड़ के बाद लोगों के शव गंगा में बहाए गए।
इस बीच, महाकुंभ से जुड़े एक अन्य घटनाक्रम के तहत सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाकुंभ में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट दिशा-निर्देश देने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। यानी उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया। महाकुंभ 2025 में बीते मौनी अमावस्या पर प्रयागराज के संगम क्षेत्र में मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत होने और 60 अन्य श्रद्धालुओं के घायल होने की आधिकारिक सूचना थी।
सांसद रविशंकर बोले – महाकुंभ भगदड़ में षड़यंत्र की बू…
महाकुंभ 2025 में बीते मौनी अमावस्या पर दूसरे अमृत स्नान के दौरान हुए भगदड़ हादसे को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा काटा। राज्यसभा में विपक्ष ने अपनी मांग को लेकर वॉकआउट ही कर दिया। विपक्ष की मांग है कि स्थगन प्रस्ताव लाकर महाकुंभ हादसे पर चर्चा की जाए और मृतकों की संख्या की पुष्टि की जाए।
इस बीच राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में चर्चा के दौरान महाकुंभ 2025 का उल्लेख करते हुए भाजपा के सांसद रविशंकर प्रसाद ने विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा।
सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि – ‘…राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में महाकुंभ की भी चर्चा की। कल रात तक खबर मिली कि 35 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं। उन्होंने हादसे पर दुख भी जताया, लेकिन उस हादसे की भी जांच चल रही है और उसमें भी षडयंत्र की बू आ रही है।
…जब पूरी जांच हो जाएगी तो वो हादसा किसने करवाया, उन्हें शर्म से झुकना पड़ेगा। ये कुंभ और सनातन का नाम सुनते ही इन्हें परेशानी क्यों हो जाती है।
…लेकिन मैं एक बात इस सदन में साफ करना चाहता हूं कि सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान। हजारों साल में तो लोग सनातन को कमजोर कर नहीं सके तो ये लोग क्या हैं।’

महाकुंभ पर सपा के तेवरों के अनुरूप जमकर बोलीं सांसद जया बच्चन…
महाकुंभ 2025 में बीते मौनी अमावस्या पर हुए भगदड़ हादसे को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव के नजरिए के अनुरूप ही सांसद जया बच्चन सोमवार को अपनी पार्टी की ओर से अपनी बात जोरदार तरीके से रखी। सपा सांसद संसद के भीतर ज्यादा न बोल पाने का मौका मिलने पर संसद परिसर में मीडिया से मुखातिब हुईं तो बेहिचक पूरे मसले पर अपनी पार्टी सपा की ओर से खुलकर बोलीं।

इस दौरान इंडिया गठबंधन के सांसद भी उनके साथ रहे। सपा सांसद जया बच्चन ने महाकुंभ हादसे को लेकर एकमद अलग ढंग का बयान दिया। सांसद जया बच्चन ने कहा कि –‘…इस वक्त सबसे दूषित पानी कुंभ का है क्योंकि भगदड़ के बाद लोगों के शव गंगा में बहाए गए’।
बाद में सपा की राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने संसद परिसर में मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि – ‘…अभी सबसे दूषित पानी कहां का है ?… कुंभ का है। शव नदी में फेंके गए, जिससे पानी दूषित हुआ। असल मुद्दों पर बात नहीं हो रही है।
…आम व्यक्ति जो कुंभ जा रहा है, उसे विशेष सुविधाएं नहीं मिल रही हैं और उनके लिए कोई इंतजाम नहीं हैं। झूठ बोला जा रहा है कि करोड़ों लोग स्नान कर चुके हैं। इतनी बड़ी संख्या में लोग एक जगह कैसे इकट्ठा हो सकते हैं?’

सुप्रीम कोर्ट ने महाकुंभ भगदड़ हादसे पर दाखिल जनहित याचिका को किया खारिज…
सोमवार को अहम घटनाक्रम के तहत सुप्रीम कोर्ट ने महाकुंभ में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट दिशा-निर्देश देने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया।
प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की इस दलील पर गौर किया कि इस मामले पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में पहले ही एक याचिका दायर की जा चुकी है और मौजूदा याचिका की शीर्ष अदालत में सुनवाई नहीं की जानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने महाकुंभ में हुए भगदड़ को दुर्भाग्यपूर्ण घटना करार देते हुए याचिकाकर्ता और अधिवक्ता विशाल तिवारी को इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख करने को कहा। पीठ ने तिवारी से कहा, यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है लेकिन आप इलाहाबाद हाई कोर्ट जाइए।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी की इन दलीलों पर गौर किया कि न्यायिक जांच शुरू की गई है। प्रयागराज में भगदड़ की घटना के एक दिन बाद 30 जनवरी को शीर्ष अदालत में यह जनहित याचिका दायर की गई थी।
संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत तिवारी द्वारा दायर याचिका में भगदड़ की घटनाओं को रोकने और अनुच्छेद 21 के तहत समानता एवं जीवन के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए दिशानिर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया था।