रांची : खुद सारा जीवन अंधेरे में गुजार कर बच्चों के जीवन में रोशनी भरने का काम एक शिक्षक ,एक गुरु ही कर सकता है। एक शिक्षक ही है जो चाहता है कि उसके अंदर जितना ज्ञान है उससे दो गुना ज्ञान वह अपने शिष्य को दे। आज शिक्षक दिवस पर गोल संस्थान द्वारा ऐसे ही शिक्षकों को सम्मानित किया गया। जिसमें संत मिखायल नेत्रहीन विद्यालय के सेवानिवृत शिक्षक बसंत राय, सेवानिवृत जीवानी तोपनो और कार्यरत लरवी मुंडा और राजकीय मध्य नेत्रहीन विद्यालय हरमू के सेवानिवृत शिक्षक मनोहर बूढ़ को सम्मानित किया गया।
ये शिक्षक वाकई में सम्मान के हकदार हैं। क्योंकि ये खुद नहीं देख सकते लेकिन इन्होंने हज़ारों बच्चों का भविष्य संवारा है। इस कार्यक्रम के संदर्भ में गोल संस्थान के एम डी बिपिन सिंह जी ने कहा कि शिक्षण संस्थान होने के नाते हम हर वर्ष शिक्षक दिवस बेहतरीन तरीके से मनाते आ रहे हैं, लेकिन इस बार हमने सोचा की ऐसे शिक्षकों का सम्मान करें जिन्होंने ना जाने कितने ही बच्चों का भविष्य संवारा है लेकिन वह खुद अंधेरे में जीने को विवश हैं।
वहीं संस्थान के ब्रांच हेड काली प्रसाद सिंह ने कहा कि इस शिक्षक दिवस एमडी विपिन सिंह कुछ अलग करना चाहते थे। इसलिए हमने इस तरह का कार्यक्रम किया। शिक्षण संस्थान होने के नाते अगर संस्थान ही शिक्षकों के भविष्य की चिंता नहीं करेगा,तो कौन करेगा। हमारी कोशिश रहेगी कि हमेशा ही ऐसे शिक्षकों का सम्मान करें जो हमारे देश के भविष्य को संवारने का काम करते हैं। उन्होंने कह की मेरा ऐसा मानना है कि छात्र अगर कुछ अच्छा करते हैं तो हम उनपर गर्व करते हैं इसलिए छात्रों के साथ-साथ उन शिक्षकों पर भी गर्व करना चाहिए जिनकी मेहनत छात्रों के पीछे होती है। क्योकिं शिक्षक हैं तभी छात्र हैं। गोल हमेशा ही छात्रों और शिक्षकों के प्रति सजग रहा है। इस अवसर पर गोल संस्थान के भी शिक्षकगण, सहकर्मी और कर्मचारी मौजूद रहे।