डिजिटल डेस्क : संसद में राहुल गांधी के दिए बयान पर विदेश मंत्री का करारा पलटवार, बोले – झूठ बोला…। सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के अमेरिका दौरे को लेकर टिप्पणी की।
राहुल गांधी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शपथ का जिक्र किया और कहा कि पीएम मोदी को शपथ का निमंत्रण मिले इसलिए विदेश मंत्री जयशंकर को अमेरिका भेजा था।
इस पर विदेश मंत्री ने करारा पलटवार किया। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा – ‘विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दिसंबर 2024 में मेरी अमेरिका यात्रा के बारे में जानबूझकर झूठ बोला’।
विदेश मंत्री ने राहुल गांधी के झूठ को बताया राजनीतिक…
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने राहुल के संसद में दिए गए बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि – ‘मैं बाइडन प्रशासन के विदेश मंत्री और एनएसए से मिलने गया था। साथ ही हमारे महावाणिज्य दूतों की एक सभा की अध्यक्षता भी की। मेरे प्रवास के दौरान, आने वाले नवनियुक्त एनएसए ने मुझसे मुलाकात की।
…इस दौरान किसी भी स्तर पर प्रधानमंत्री के संबंध में निमंत्रण पर चर्चा नहीं की गई। यह सर्वविदित है कि हमारे प्रधानमंत्री ऐसे आयोजनों में शामिल नहीं होते हैं।
…वास्तव में, भारत का प्रतिनिधित्व आमतौर पर विशेष दूतों की तरफ से किया जाता है। उन्होंने आगे कहा- राहुल गांधी के झूठ का उद्देश्य राजनीतिक हो सकता है। लेकिन वे विदेश में देश को नुकसान पहुंचाते हैं।’
विदेश मंत्री के अमेरिकी दौरे पर राहुल की टिप्पणी पर मंत्री ने की आपत्ति
राहुल गांधी ने कहा – ‘हमारे बैंकिंग सेक्टर पर दो या तीन बड़ी कंपनियों का ही प्रभाव नहीं होना चाहिए और छोटी और मध्यम वर्ग की कंपनियों को भी बैंकिंग सेक्टर तक आसान पहुंच होनी चाहिए।
…अगर ऐसा होता तो हमारे विदेश मंत्री को तीन-चार बार अमेरिका जाकर ये नहीं कहना पड़ता कि हमारे प्रधानमंत्री को आमंत्रित करें। अगर हमने इन क्षेत्रों में काम किया होता तो अमेरिका खुद हमारे प्रधानमंत्री को आमंत्रित करता।’
राहुल गांधी के इस बयान पर तुरंत संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कड़ी आपत्ति जताते कहा कि ‘नेता विपक्ष बिना किसी तथ्यों और सबूतों के ऐसे गंभीर आरोप न लगाएं। ये दो देशों के बीच के संबंधों का मामला है। ऐसे में आधारहीन आरोप नहीं लगाए जाने चाहिए।’
बता दें कि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते दिनों अपने शपथ ग्रहण समारोह में चीन के राष्ट्रपति को आमंत्रित किया था, लेकिन इस शपथ समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने किया था।
राहुल गांधी ने AI को बताया निरर्थक बताया और अमेरिका पर भी की टिप्पणी…
राहुल गांधी ने लोकसभा में अपने संबोधन में आगे कहा कि – ‘हमारा एक रणनीतिक साझेदार अमेरिका है। यह साझेदारी इस बात पर फोकस होनी चाहिए कि भारत और अमेरिका मिलकर इस क्रांति का लाभ कैसे उठा सकते हैं। भारत अमेरिका के जितने ही महत्वपूर्ण है, जिसकी वजह यह है कि वह हमारे बिना औद्योगिकी प्रणाली नहीं बना सकता।
…अमेरिकियों के लिए काम करना भारत के लिए आसान है। वह काम वे (अमेरिकी) नहीं कर सकते, क्योंकि उनकी लागत हमारी तुलना में कहीं ज्यादा है। हम वो चीजें बना कते हैं, जिसकी अमेरिकी भी कल्पना नहीं कर सकते।’
इसी क्रम में राहुुल गांधी ने कहा कि – ‘यह समझना महत्वपूर्ण है कि AI अपने आप में बिल्कुल निरर्थक है क्योंकि AI डेटा के ऊपर काम करता है। डेटा के बिना AI का कोई मतलब नहीं है। अगर हम जाति जनगणना के आंकड़ों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करें, तो इसका क्या असर होगा, इसकी कल्पना कीजिए।
..AI का उपयोग कर हम सामाजिक बदलाव ला सकते हैं। हम दलितों, अन्य पिछड़े वर्गों और आदिवासियों को देश के शासन, संस्थाओं और संपत्ति के वितरण में अधिक भागीदार बनाएंगे। दूसरी दरफ, हम चीन को चुनौती देंगे और उन्हें इलेक्ट्रिक मोटर्स बैटरियां, सौर पैनल और पवन उर्जा जैसे क्षेत्रों में हराएंगे। यह वह दो मुख्य बाते होंगी, जो विपक्षी इंडिया गठबंधन का कोई नेता राष्ट्रपति के अभिभाषण में कहेगा।’