कम्बाईन हार्वेस्टर के मालिकों के बैठक करेंगे जिला पदाधिकारी
गया : बिहार के गया में पराली जलाने वाले किसानों का धान नहीं खरीदा जायेगा.
इसके लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में शुक्रवार को सभी जिला पदाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग
के माध्यम से फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित कार्याें की समीक्षा की गयी.
पराली नहीं जलाने को लेकर जिला पदाधिकारी भी कम्बाईन हार्वेस्टर के मालिकों के साथ बैठक करेंगे.
कृषि विभाग के सचिव एन सरवणन कुमार ने बताया कि धान, गेहूँ आदि फसलों की कटाई के बाद शीघ्र
ही अगली फसल की बुआई हेतु किसान पराली जलाना शुरू कर देते हैं.
इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है. साथ ही वातावरण भी प्रदूषित हो जाता है.
फसल अवशेष जलाने की घटना विकराल रुप ले रही है. यद्यपि किसानों को इसके लिये लगातार जागरूक
किया जा रहा है कि वे फसल अवशेष नहीं जलाएं. इसके बावजूद कुछ किसानों के द्वारा फसल कटाई के
बाद फसल अवशेष जलाया जाता है.
विकास आयुक्त ने कहा कि अभी धान की कटनी प्रारम्भ हो रही है. अभी से सभी निरोधात्मक कार्रवाई करें.
कृषि सचिव ने बताया कि फसल अवशेष जलाने का मुख्य कारण कम्बाईन हार्वेस्टर से फसल की कटनी है.
इसमें फसल के ऊपरी भाग से कटनी की जाती है, जिसके कारण बड़े पैमाने पर खेतों में पराली रह जाती है.
कम्बाईन हार्वेस्टर में पराली प्रबंधन यंत्र से इसकी भी कटाई कर मिट्टी में मिला देते है.
अतः कम्बाईन हार्वेस्टर जिला प्रशासन की अनुमति लेकर ही परिचालन करें.
बिना अनुमति के कम्बाईन हार्वेस्टर का परिचालन करने वाले कम्बाईन हार्वेस्टर के मालिकों
के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी जाय.
उप विकास आयुक्त ने फसल अवशेष हेतु किसानों को जागरूक करने के लिये विभिन्न विभागों को
सौंपे गये दायित्वों की जानकारी दी. मुख्यमंत्री कृषि यंत्र योजना के तहत पैक्सों में फसल
अवशेष प्रबंधन से संबंधित एक कृषि यंत्र क्रय करने को अनिवार्य किया गया है.
रिपोर्ट : राममूर्ति पाठक