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जमशेदपुर : सोनारी में बाइक खड़ी करने के विवाद में हुई मारपीट का मामला पहुंचा एसएसपी दरबार

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जमशेदपुर :

सोनारी थाना क्षेत्र में बाइक खड़ी करने को लेकर पिछले दिनों हुई मारपीट के मामले में न्याय करने की मांग को लेकर

मंगलवार को घायल परिवार के लोगों ने मंगलवार को एसएसपी को ज्ञापन सौंपकर उनसे न्याय करने की गुहार लगाई।

एसएसपी से मिलने के लिए पहुंचे लोगों का कहना था कि इस मामले का समाधान बातचीत करके भी हल किया जा सकता है।

मारपीट की घटना के बाद थाने में शिकायत करने पर किसी तरह की पहल नहीं की थी। अंतत: परिवार के लोग मामले को

लेकर एसएसपी तक पहुंचे हैं। घटना में कुल तीन लोग घायल हुए थे। इसमें से एक महिला और दो पुरूष शामिल हैं। महिला के

सिर पर गंभीर चोटें आई है।

जमशेदपुर : पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी करने का मामला पहुंचा एसएसपी कार्यालय

 

जमशेदपुर :  परसूडीह के लोगों ने अनुमंडल पदाधिकारी से की सड़क पर कब्जा करने की शिकायत

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जमशेदपुर :  परसूडीह के गदड़ा तिलका नगर के रहने वाले 50 परिवार के आने जाने वाली वर्षों पुरानी सार्वजनिक सड़क को एस एस इंटरप्राइजेज के शैलेंद्र सिंह ने बांस से घेर  दिया है। इसके विरोध में बस्ती के लोग मंगलवार को धालभूम अनुमंडल पदाधिकारी के कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन सौंपा। बस्ती के पीड़ित राजेश कुमार तिवारी ने बताया कि तिलका नगर गदड़ा गोविंदपुर में शैलेंद्र सिंह के द्वारा जमीन बेची गई थी। बगल में उनकी कंपनी है। उनके द्वारा एक नंबर रोड से आने जाने वाले सड़क को घेर दिया गया। इससे क्षेत्र के रहने वाले 50 परिवार प्रभावित हो रहे हैं। कोविड-19 के दौरान आने जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने  अनुमंडल पदाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई।

जमशेदपुर :  युवा आवाज ने जरूरतमंदों के बीच किया राशन का वितरण

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जमशेदपुर :  युवा आवाज की ओर से मंगलवार को जरूरतमंदो के बीच राशन और बिस्कुट का वितरण किया।इस बीच उनकी ओर से आश्वासन दिया गया कि आगे चलकर भी इस तरह का कार्य किया जाएगा। राशन वितरण पर मुख्य रूप से युवा आवाज के संस्थापक सागर तिवारी, जिला अध्यक्ष प्रदीप सिंह, सूरज तिवारी, नितीश पांडे, रोशन सिंह, अमरेंद्र और जिला उपाध्यक्ष अमित तिवारी मौजूद थे।

जमशेदपुर : शहर के अधिवक्ता 18 प्लस का वैक्सीन लेने सपरिवार घरों से बूथ पर पहुंचे

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जमशेदपुर : शहर के अधिवक्ता 18 प्लस का वैक्सीन लेने के लिए मंगलवार को सपरिवार बूथ तक पहुंचे। यहां पर सभी लोगों को कतार में खड़े हुए देखा गया। सभी लोगों ने अपनी बारी का इंतजार किया और फिर वैक्सीन लिया। मौके पर कुछ लोगों से बात-चीत करने पर उनका कहना था आज कोरोना महामारी को समाप्त करने के लिए सभी को डोज लेने की जरूरत है। सरकार की ओर से जो दिशा-निर्देश देने का काम किया जा रहा है उसे सभी को मानने की जरूरत है। तभी भारत कोरोना की जंग जीत सकता है। बताया गया कि करीब 550 परिवार के सदस्य वैक्सीन लेने बूथ तक पहुंचे हुए थे।

जमशेदपुर : परसूडीह में जेबीवीएनएल कर्मचारी के कनपट्टी पर हथियार सटाकर 20,300 की लूट

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जमशेदपुर : परसूडीह ईलाके में रंगदारों का कितना बोल-बाला है यह 31 मर्ई की रात देखने को मिला। यहां पर जेबीवीएनएल के कर्मचारी की कनपट्टी पर हथियार सटाकर 20,300 रुपये लूट लिया गया। घटना के बाद मामला परसूडीह थाने में भी पहुंचा। दो दिनों के बाद भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने पर मामले को भुक्तभोगी एसएसपी के पास लेकर गए और न्याय की गुहार लगाई।
सरोज अपने साथियों के साथ आया था रंगदारी मांगने
घटना के बारे में जेबीवीएनएल के कर्मचारी नीतीश कुमार ने इसकी शिकायत एसएसपी से मंगलवार से की और कहा है कि रंगदारी मांगने के लिए उसके पास सरोज अपने 8-10 बदमाशों के साथ आया था। रंगदारी देने से आना-कानी करने पर उसके साथ पहले मारपीट की गई। उसके बाद सरोज ने कनपट्टी पर हथियार सटा दिया और जेब से नकद 20 हजार 300 रुपये निकाल लिए।
अपहरण करने की दी धमकी
नीतीश का कहना है कि उसे बदमाशों ने ट्रॉफिक कॉलोनी आवास से अपहरण कर लेने की भी धमकी दी है। उसका कहना है कि वह अंडर ग्राउंड केबुल का काम करा रहा था। इसके पहले भी जब उसने परसूडीह ईलाके में काम शुरू कराया था, तब भी रंगदारी मांगी गई थी। नहीं देने पर काम को रुकवा दिया था।

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चाईबासा : मंत्री मिथिलेश ठाकुर का दावा जल्द कोरोना महामारी से मुक्त होगा झारखण्ड

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चाईबासा : मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने कहा है की बहुत जल्द झारखण्ड कोरोना महामारी से मुक्त होगा । उन्होंने कहा की राज्य के मुखिया सीएम हेमंत सोरेन कम संसाधन में भी कोरोना को काबू करने का उल्लेखनीय कार्य किया है । केंद्र सरकार के उदासीनता के बावजूद सरकार ने दिखा दिया की कोरोना से लड़ाई में सीएम कितने प्रभावी रूप से काम कर रहे हैं । नतीजा यह है की चाईबासा अब अनलॉक की तरफ बढ़ गया है । केंद्र सरकार की तरह हम रातों-रात फैसला लेकर जनता को मुसीबत में डालने का काम नहीं करते इसलिए सीएम सभी का सुझाव लेकर कदम आगे बढ़ा रहे हैं । कोरोना से जंग में जनता का भी सीएम हेमंत सोरेन को पूरा साथ मिल रहा है यही वजह है की झारखण्ड सरकार कोरोना को काबू कर पाने में सफल है ।

आम लोगों तक पहुंचे सरकारी योजनाओं का लाभ, मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने अधिकारियों को दिया निर्देश

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चाईबासा : चाईबासा और चक्रधरपुर में भी शुरू हुई मोबाइल वैक्सीनेशन की सुविधा

मंत्री मिथिलेश ठाकुर की जायेगी सदस्यता, सांसद निशिकांत दूबे ने ट्वीट कर किया दावा

 

 

 

चाईबासा : मंत्री ने किया मंगला हाट का दौरा, पीड़ित दुकानदारों को मिलेगा मुआवजा

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चाईबासा : झारखंड के पेयजल स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने चाईबासा मंगला हाट का दौरा किया । मंगला हाट की नौ दुकाने आगलगी की घटना में जलकर राख हो गयी थी । मंत्री इसी घटना में हुए नुकसान का अवलोकन करने और पीड़ित दुकानदारों से मिलने मंगला हाट पहुंचे थे । मंत्री ने मौके पर पहुँच
aag ch बाज़ार का जायजा लिया वहीँ जली हुई दूकान को भी देखा । मंत्री ने इस घटना पर दुःख जताया और कहा की ऐसी घटनाएँ हर साल होती है जिसमें गरीब दुकानदारों को बड़ा नुक्सान होता है । उन्होंने मामले पर संज्ञान लेते हुए बाज़ार की सभी दुकानों को कानूनी रूप से व्यवस्थित करने का निर्देश चाईबासा कार्यपालक पदाधिकारी को दिया । वहीँ अपने मंत्रालय के तरफ से फौरी राहत देते हुए 15-15 हजार रुपये का मुआवजा देने की भी घोषणा की ।

 

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जमशेदपुर :  टाटा-हाता मेन रोड़ पर ट्रक दुर्घटनाग्रस्त, बड़ा हादसा टला

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जमशेदपुर :  टाटा-हाता मेन रोड़ पर मंगलवार की सुबह एक ट्रक अनियंत्रित होकर गीतिलता में एक घर में घुसने से बच गया, अन्यथा एक बड़ा हादसा हो सकता  था। घटना के बाद स्थानीय लोग एकजूट हो गए थे। हालाकि मकान को किसी तरह का नुकसान नहीं होने पर लोगों का गुस्सा जल्द ही शांत हो गया। चालक और खलासी दोनों ही पकड़े गए थे, लेकिन दोनों को दंडित करने के बाद छोड़ दिया गया।
स्पीड ब्रेकर बना कारण
ट्रक दुर्घटना के बारे में बताया गया जा रहा है कि गीतिलता में स्पीड ब्रेकरों की संख्या ज्यादा होने के कारण इस तरह की घटना घटी है। सिर्फ 100 मीटर की दूरी पर ही यहां पर 5 की संख्या स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं।

 

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सेना, धर्म और धर्मनिरपेक्षता:जहां MMG सिर्फ मीडियम मशीन गन नहीं, मंदिर-मस्जिद और गुरुद्वारा भी है

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  • सेना में धर्म का इस्तेमाल एक धर्म या इलाके के लोगों को एक साथ लाने या फिर एक ईश्वर से प्रेरणा लेने के लिए होता है
  • सेना की बटालियन भले धर्म-प्रांत पर आधारित हैं, पर सेना धर्मनिरपेक्ष है, वो सैनिकों को भारत माता से ही जोड़ते हैं

देश में इन दिनों त्यौहारों का मौसम है। नवरात्र में कई हिंदू व्रत रखते हैं। वैसे तो मैं व्रत नहीं रखता, लेकिन जब अपनी रेजिमेंट के जवानों के साथ पोस्टेड था तो चाहे नवरात्र हो या रमजान में व्रत और रोजे दोनों रखता था। मेरे या किसी भी आर्मी ऑफिसर के लिए उसके धर्म से ज्यादा जो अहम है, वो बतौर सैनिक उसकी ड्यूटी, उसकी जिम्मेदारी, अपने सैनिकों के साथ एकजुटता है। मैं जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंट्री रेजिमेंट से हूं। मेरी रेजिमेंट में हर धर्म के सैनिक हैं। और हम सब साथ रहते हैं, ट्रेनिंग लेते हैं, हंसते, खेलते और खुशी-खुशी मौत को गले लगा लेते हैं। ये मॉडल अपने आप में अद्भुत और अनुकरणीय है।

भारतीय सेना दुनिया की असाधारण सेना है, जिसकी लड़ाकू पैदल सेना की संरचना धर्म और धार्मिक मान्यताओं के आसपास हुई है, लेकिन सेना खुद में धर्मनिरपेक्षता और धार्मिक-सांप्रदायिक एकता का चमकता हुआ उदाहरण है। सेना में धर्म का इस्तेमाल एक धर्म या इलाके के लोगों को एक साथ लाने या फिर एक ईश्वर से प्रेरणा लेने के लिए होता है। सैनिक उसे भारत माता से जोड़कर देखता है। और भारतीय सैनिक देश के लिए अपना सबकुछ कुर्बान करने को राजी हो जाता है।

हमारी रेजिमेंट सैनिकों को एक उद्देश्य हासिल करने के लिए अलग-अलग बैटल क्राय यानी नारे और अलग-अलग मजहब से जोड़ती हैं। रेजिमेंट का बैटल क्राय भले, आयो गोरखाली, बद्री विशाल की जय या फिर भारत माता की जय हो। ये सभी सैनिकों के शौर्य और त्याग को भारत माता से ही जोड़ते हैं। यही वजह है कि धर्म और इलाकों के नाम पर लड़ाई की जगह सेना एक ऐसा स्ट्रक्चर है जो अलग-अलग धर्म और इलाकों को एकजुट करता है।

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बायजू रवींद्रन का कॉलम:शोध बताते हैं कि लर्निंग के नतीजों को मापने के लिए लगातार मूल्यांकन, समय-समय पर होने वाली परीक्षाओं से बेहतर तरीका है

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बायजू रवींद्रन का कॉलम – बच्चों के सीखने का तरीका शायद 100 साल में पहली बार बदल रहा है। स्मार्टफोन और डिवाइस फिजिकल क्लास की अस्थायी गैर-मौजूदगी में लर्निंग का प्राथमिक साधन बनकर उभरे हैं। इस प्रकिया में अपने सीखने का रास्ता बनाने के लिए छात्र नई विधियां खोज रहे हैं। अब लर्निंग छात्र-केंद्रित हो रही है और बच्चे खुद सीखने की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं।

द हार्वर्ड स्कूल ऑफ ग्रैजुएट एजुकेशन का शोध बताता है कि छात्र-केंद्रित लर्निंग ऐसे लर्नर बनाती है, जो जीवनभर सीखते हैं। साथ ही यह कक्षा में हर छात्र की जरूरत को शामिल करती है। यह बताता है कि जब छात्रों का लर्निंग पर ज्यादा नियंत्रण होता है, तो वे सीखने में ज्यादा रुचि लेते हैं और ज्ञान की प्यास बनाए रखने के नए तरीके तलाशते हैं।

जब बच्चे दुनिया को समझने के लिए अपनी जिज्ञासा का इस्तेमाल करते हैं जो उनकी लर्निंग बनी रही है और उसका ज्यादा असर होता है। इससे बाद में उन्हें अपने पेशेवर जीवन को आकार देने में भी मदद मिलती है। दुनिया में सबसे बड़ा के12 एजुकेशन सिस्टम भारत में है, इसिलए भारतीय युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करना बतौर देश हमारा मुख्य कार्य होना चाहिए।

करीब 26 करोड़ स्कूल एनरोलमेंट के साथ हम दुनिया की सबसे युवा वर्कफोर्स बनने की क्षमता रखते हैं। फिर भी इस जानसांख्यकीय लाभ को पाने के लिए हमें कुछ जमीनी तैयारी करने की जरूरत है। यह बहुत जरूरी होगा कि आने वाले एक दशक में हम अपने शिक्षा तंत्र को कैसे आकार देते हैं और युवाओं को सशक्त करते हैं। इससे ही देश की आर्थिक समृद्धि सुनिश्चित हो पाएगी।

हाल ही में आई इंडिया स्किल रिपोर्ट के मुताबिक देश में अभी 47% से भी कम छात्र रोजगार-योग्य हैं। इसका एक मुख्य कारण है हमारे पाठ्यक्रम परीक्षाओं के दृष्टिकोण से तैयार किए गए हैं। छात्रों को सवालों के जवाब देने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

जब बच्चे अंक पाने के उद्देश्य से परीक्षा में बैठते हैं तो वे रटने पर निर्भर हो जाते हैं और आखिरकार अपनी लर्निंग भूल जाते हैं। दूसरी तरफ अगर बच्चे जो सीखते हैं, उसका अनुभव भी करते हैं तो वे कंसेप्ट को बेहतर ढंग से समझते हैं और उनके अंक अपने आप आते हैं। बच्चों को लर्निंग से प्यार हो, इसके लिए एडटेक इंडस्ट्री कुछ काम कर सकती है।