Patna Zoo : राजधानी पटना के चिड़ियाघर (Patna Zoo ) में पिछले छह महीने में तीसरे गैंडे की मौत हो गई हौ। पटना जू के 32 वर्ष छह माह उम्र के वृद्ध नर गैंडा अयोध्या की सोमवार को दोपहर 1:30 बजे मौत हो गई। प्रारंभिक चरण में वृद्ध होने की वजह से मौत का कारण बताया जा रहा है। विश्व में गैंडे की संख्या के मामले में दूसरे स्थान पर पटना जू है जहां अब 10 गैंडे बचे हैं।
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अयोध्या ने कन्जर्वेशन ब्रीडिंग के माध्यम से गैंडों के संरक्षण और संवर्धन में अहम योगदान दिया था। पटना जू गैंडा प्रजनन कार्यक्रम के इतिहास में अयोध्या का नाम स्वर्णिम शब्दों में है। 20 वर्षों के पटना जू में अधिवास के दौरान अयोध्या के साथ सभी कर्मियों का जुड़ाव रहा है।
पटना जू के पदाधिकारी व कर्मियों की उपस्थिति में अयोध्या के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि अर्पित की गई
आपको बता दें कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक बिहार प्रभात कुमार गुप्ता, प्रधान मुख्य वन संरक्षक-सह-मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक बिहार अरविंदर सिंह और निदेशक पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण अभय कुमार के साथ पटना जू के पदाधिकारी और कर्मियों की उपस्थिति में अयोध्या के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, नर गैंडा के मृत्यु का प्रारंभिक कारण वृद्धावस्था के कारण कार्डियो रेपिरेटरी फेलियर बताया जा रहा है। जांच के लिए विसेरल ऑर्गन के सैंपल को आइवीआरआइ, बरेली भेजा जा रहा है।
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2005 में दिल्ली चिड़ियाघर से लाया गया था Patna Zoo
दिल्ली चिड़ियाघर में डब्बू और मोहिनी नाम के गैंडों से 27 दिसंबर, 1992 को जन्मे इस नर गैंडा अयोध्या को अदला-बदली कार्यक्रम में तहत 20 अक्तूबर, 2005 को पटना जू में लाया गया था। पटना जू को गैंडा प्रजनन में विश्वस्तरीय पहचान दिलाने में अयोध्या का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। अयोध्या के सहयोग से पटना जू में कुल 10 गैंडों के बच्चों को जन्म दिया गया है। जिनमें वर्तमान में चार बच्चे जम्बो, शक्ति, गुड़िया और युवराज पटना जू में हैं। दिल्ली चिड़ियाघर में भी इसकी ओर से बच्चे को जन्म दिया गया है।
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