डिजिटल डेस्क : भूकंप के झटकों से अंडमान और चीन में हुए कंपन में दहशत में आए लोग। भूकंप के तेज झटकों से बुधवार की सुबह भारत के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह एवं पड़ोसी देश चीन में हुए कंपन से लोग दहशत में आ गए।
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हालांकि, समाचार लिखे जाने तक कहीं कोई जानमान के नुकसान की सूचना नहीं है। बताया जा रहा है कि बुधवार की सुबह-सुबह आए भूकंप के तेज झटकों ने लोगों को डरा दिया। लोग अपने घरों में गहरी नींद में सो रहे थे तभी आए भूकंप के झटकों से लोग सहम गए।
NCS (नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी) के अनुसार, बुधवार सुबह अंडमान सागर में रिक्टर पैमाने पर 4.4 तीव्रता का भूकंप आया।
75 किलोमीटर की गहराई पर आया भूकंप
भारत के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह एवं पड़ोसी देश चीन में बुधवार की सुबह आए भूकंपं के झटकों के बारे में सूचनाएं अपडेट हो रही हैं। इस बीच NCS (नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी) के अनुसार, बुधवार सुबह अंडमान सागर में यह भूकंप 75 किलोमीटर की गहराई पर आया।
NCS ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर इस संबंध में पोस्ट भी साझा किया है। उसमें NCS ने इस भूकंप के बारे में जानकारी दी है।
NCS ने इस पोस्ट में भूकंप का समय और तीव्रता के बारे में भी बताया है। NCS के मुताबिक, इससे पहले भारत के पड़ोसी देश चीन में भी तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।

भूकंप को लेकर चीन ने अपने नागरिकों किया अलर्ट
चीन में सुबह-सुबह आए भूकंप के तेज झटकों ने लोगों को डरा दिया। लोग अपने घरों में गहरी नींद में सो रहे थे तभी आए भूकंप के झटकों से लोग सहम गए। हालांकि चीन के अलर्ट सिस्टम ने लोगों के फोन में अलर्ट मैसेज भेज दिया था जिससे लोगों को सतर्क होने का टाइम मिल गया।
प्राप्त ब्योरे के मुताबिक, भारत के पड़ोसी देश चीन में बुधवार (26 मार्च) की सुबह भूकंप के झटकों से लोग सहम उठे। चीन के स्थानीय समयानुसार तड़के 1.21 बजे रिएक्टर स्केल पर तीव्रता 4.2 वाले भूकंप के झटकों ने लोगों को डरा दिया।
भूकंप का केंद्र चीन के हेबेई प्रांत के लैंगफैंग में स्थित योंगकिंग काउंटी में बताया गया है। चीन के भूकंप नेटवर्क केंद्र (CENC) के अनुसार, भूकंप का केंद्र जमीन ने 20 किलोमीटर नीचे था और केंद्र बीजिंग के नजदीक होने के कारण, वहां के लोगों ने भी हल्के झटके महसूस किए।
हालांकि, अलर्ट सिस्टम ने फोन में तुरंत अलर्ट मैसेज जारी कर लोगों को सतर्क कर दिया था।

भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र है पड़ोसी देश चीन
बता दें कि भूकंप के के लिहाज से चीन संवेदनशील देशों में से एक है। आज बुधवार को आए भूकंप के बाद अभी तक कोई बड़े नुकसान की रिपोर्ट सामने नहीं आई है। स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और बताया गया है कि कोई भी आपातकालीन कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है।

भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र होने की वजह से चीन में भूकंप की आशंका बनी रहती है। चीन के भौगोलिक स्थिति और टेक्टोनिक प्लेटों की एक्टिविटी के कारण यहां भूकंप की घटनाएं अधिक होती है।
चीन का भूभाग एशियाई और भारतीय प्लेटों की टक्कर के बीच स्थित है। हिमाचल पर्वत श्रृंखला भी इसी टकराव का परिणाम है।
चीन सिचुआन प्रांत में 12 मई, 2008 को चीन का सबसे शक्तिशाली भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता 7.9 थी। उस भयानक भूकंप के बाद 87 हजार लोगों की जान चली गई थी और लाखों लोग बेघर हो गए थे।