- शराब बंदी कानून की वजह से हो रहा है राजस्व का नुकसान-मांझी
- शराब नहीं मिलने से बिहार में नहीं ठहरते विदेशी पर्यटक-मांझी
- सभी पार्टियों ने शराब बंदी कानून को दिया था समर्थन-राजद
- लागू करा पाने में सरकार असमर्थ इसलिए कानून हो वापस-बीजेपी
पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी के बयान के बाद बिहार में एक बार फिर से शराबबंदी कानून चर्चा का विषय बन गया है. महागठबंधन का सबसे बड़ा घटक दल राजद ने नाम लिए बगैर मांझी को पुराने दिनों की याद दिलाई है. पार्टी प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि जब राज्य में शराबबंदी कानून लागू हो रही थी तब सभी दलों ने इसका समर्थन किया था. इसलिए किसी भी राजनीतिक दल को इसका समर्थन नहीं करना चाहिए.

बीजेपी ने की कानून को खत्म करने की वकालत
उन्होंने कहा कि कानून लागू होने के बाद से राज्य की जनता चैन से रह रही है. उधर बीजेपी भी कानून को खत्म करने की वकालत कर रही है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि हम शराबबंदी कानून का समर्थन करते हैं, लेकिन सरकार इसे लागू करा पाने में असफल रही है. इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. उन्होने कहा कि यदि सरकार इसे सही तरीके से लागू करा पाती तो इसका विरोध नहीं होता. लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा इसलिए इस कानून को खत्म कर देना चाहिए.

बौद्ध महोत्सव के दौरान मांझी ने की थी आलोचना
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को गया में बौद्ध महोत्सव के दौरान इस कानून की आलोचना करते हुए कहा था कि इससे राजस्व का नुकसान हो रहा है. इसलिए ऐसे कानून को खत्म करने पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि शराब नहीं मिलने की वजह से विदेशी पर्यटक बिहार में टिकते नहीं हैं. वो आते हैं और जल्द ही उत्तर प्रदेश या झारखंड की ओर निकल जाते हैं. इससे राज्य में पर्यटन और राजस्व का नुकसान हो रहा है.
मांझी के बयान: ऐसे में कैसे बढ़ेगा बिहार का राजस्व
मांझी ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से भी शराब बंदी कानून को खत्म कराने की अपील की साथ ही कहा कि मौका मिलने पर वो नीतीश कुमार से बात करेंगे. मांझी ने कहा कि बोधगया को सिर्फ अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल कहने से नहीं, बल्कि विदेशी मेहमानों को यहां रोकने से फायदा होगा.
उन्होंने कहा कि यह तब होगा जब पर्यटकों के लिए खाने-पीने के चीजों का प्रबंध होगा. ऐसा नहीं होने की वजह से बाहर के पर्यटक यहां रुक नहीं रहे हैं. यहां थोड़ी देर घूमकर वो सीधे बनारस और पड़ोसी राज्य झारखंड के हजारीबाग जा रहे हैं. ऐसे में राज्य का राजस्व कैसे बढ़ेगा. जीतन राम मांझी की पार्टी महागठबंधन सरकार का हिस्सा है लेकिन शराब बंदी कानून को लेकर वो पहले भी इस तरह की राय जाहिर करते रहे हैं.
रिपोर्ट: राजीव कमल