PAKUD: कुम्हारों के चाक से बने मिट्टी के दीपक इस बार आपके घरों
को दीपावली के मौके पर जगमग कर देंगे. इस बार
बेहतर कमाई होगी इसी सोच के साथ पाकुड़ के ग्रामीण क्षेत्रों
में रहने वाले कुम्हार और उसके परिवार के सदस्य के द्वारा
मिट्टी के दीपक बनाए जा रहे हैं.
2 किमी दूर से लाते हैं मिट्टी
वहीं कारीगर बताते है कि दीपक बनाने में काफी मेहनत लगती है
, 2 किलोमीटर दूर से मिट्टी लाना पड़ता है,
फिर मिट्टी को पानी के साथ अच्छी तरह से मिक्स करते हैं,
उसके बाद चाक के जरिए से दीपक बनाते हैं,
फिर उसे आग की भट्टी में जलाकर निकालते हैं.
तब दीपक तैयार होता है स इतना मेहनत करने के बाद भी मेहनत के हिसाब से दाम नहीं मिल पाता है. महज ₹1 पीस के हिसाब से मिलता है. उसमें भी लोग चाइनीस सामान खरीदते हैं. हम लोग क्या करें इसी उम्मीद से बनाते हैं कि काश इस बार अच्छा बिक जाए.
लोकल फॉर वोकल का पीएम ने दिया था नारा
देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा लोकल फॉर वोकल का नारा दिया था, एवं कुम्हारों के चाक से बनने वाले दीपक से घरों को जगमगाने की अपील भी की गई थी शायद यही वजह है की पाकुड़ में इसका असर देखने को मिलेगा इस आस में बड़े पैमाने पर मिट्टी के दीपक बनाने में लगे हुए हैं.
इस बार आपके घरों को जगमगाने के लिए सस्ते दामों पर अपनी देश की मिट्टी से दीपक बनाये जा रहे हैं,
दीपावली खुशियों का त्यौहार है इस खुशी में कुम्हार परिवार को शामिल कर उनके द्वारा बनाए गए दीपक का ही इस्तेमाल कर उनके घरों में खुशियां लाई जा सकती है
रिपोर्ट: संजय सिंह
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