Jamtara- भोजपुरी, मगही के विरोध में जारी भाषा विवाद की आग अब जामताड़ा पहुंच गयी है, गांधी मैदान में विभिन्न संगठनों की ओर से बैठक कर 1932 का खतियान की मांग की गयी है. प्रदर्शनकारियों अपने-अपने हाथों में पोस्टर लेकर भोजपुरी, मगही और अंगिका का विरोध करते हुए कहा कि भोजपुरी, मगही को मान्यता देने से हमारी भाषा संस्कृति खतरे में पड़ जाएगी. हमारी सभ्यता नष्ट हो जाएगी. हमारी भाषाएं विलूप्त हो जाएगी.
इस अवसर पर प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि हमारी मांगों को दरकिनार कर भोजपुरी, अंगिका और मैथिली को मान्यता दी गयी तो इसके खिलाफ व्यापक आन्दोलन खड़ा कर किया जायेगा. हम किसी भी हालत में चुप नहीं बैठेंगे, जल्द ही इसके विरोध में रणनीति बनाकर विरोध को व्यापक किया जाएगा.
रिपोर्ट- उज्जवल
एचईसी कर्मी विरोध प्रदर्शन के लिए पहली बार निकले प्लांट से बाहर