पटना : जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, प्रदेश प्रवक्ता नवल शर्मा एवं पार्टी मीडिया पैनलिस्ट महेश दास ने संयुक्त रूप से प्रेसवार्ता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला और जनता के बीच झूठी बयानबाजी करने का आरोप लगाया। उन्होंने तेजस्वी के उस भ्रामक बयान का भी खंडन किया। जिसमें उन्होंने कहा कि महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं को दी गई 10 हजार की राशि कर्ज है और उसे महिलाओं को वापस लौटाना होगा। तेजस्वी के बयान को झूठा करार देते हुए उन्होंने कहा कि यह राशि राज्य सरकार की ओर से महिलाओं को उद्यमी बनाने के उद्देश्य से दी गई सहायता राशि है, जिसे किसी को लौटाने की आवश्यकता नहीं है।
महिला स्वावलंबन और आर्थिक सशक्तिकरण का जो उदाहरण आज बिहार में स्थापित हुआ है – राजीव रंजन प्रसाद
उन्होंने कहा कि महिला स्वावलंबन और आर्थिक सशक्तिकरण का जो उदाहरण आज बिहार में स्थापित हुआ है, वह केवल और केवल नीतीश कुमार की दूरदर्शी सोच का परिणाम है। ‘जीविका’ योजना नीतीश कुमार का ब्रेन चाइल्ड है, जिसने गरीब और ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया। वर्ल्ड बैंक से सहयोग लेकर प्रारंभ की गई इस योजना ने आज इतनी ऊंचाइयां हासिल की हैं कि केंद्र सरकार ने भी इसे ‘आजीविका’ के रूप में पूरे देश में अपनाया। तेजस्वी यादव को जीविका या महिलाओं की योजनाओं पर टिप्पणी करने से पहले यह सोचना चाहिए कि उनकी शिक्षा, प्रशासनिक समझ और शासन का अनुभव क्या है और महिलाओं के मुद्दों पर उनका इतिहास कितना निराशाजनक रहा है।
आज जो विकास की धारा बह रही है, वह एनडीए सरकार के ठोस संकल्पों का परिणाम है – राजीव रंजन प्रसाद
राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि बिहार में आज जो विकास की धारा बह रही है, वह एनडीए सरकार के ठोस संकल्पों का परिणाम है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में 50 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं। 1.21 करोड़ महिलाओं के खातों में 10 हजार की सहायता राशि दी जा चुकी है। बिजली आपूर्ति जो कभी मात्र 700 मेगावॉट थी, आज 8,800 मेगावॉट तक पहुंच गई है। यह सब बातें किसी वायदे या घोषणा का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि यह जमीनी हकीकत है।
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बिहार की जनता यह स्पष्ट रूप से देख रही है कि महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर कैसी अव्यवस्था – JDU
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता यह स्पष्ट रूप से देख रही है कि महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर कैसी अव्यवस्था और भ्रम की स्थिति बनी हुई है। एक ही गठबंधन के घटक दल अब दर्जनों सीटों पर ‘फ्रेंडली फाइट’ के नाम पर एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में हैं, जो यह दर्शाता है कि महागठबंधन अब टूट के कगार पर है और जनता के बीच उसकी साख पूरी तरह समाप्त हो चुकी है। आज बिहार में विकास, सुशासन और सामाजिक न्याय का प्रतीक केवल एक ही नाम है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। बिहार की जनता अब झूठे वादों पर नहीं, बल्कि काम, परिणाम और सुशासन पर भरोसा करती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा और सशक्तिकरण का वास्तविक प्रतीक भारतीय राजनीति में यदि कोई नेता हैं, तो वह केवल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं।
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