रघुवर दास ने दिया कानून का हवाला, ढेले-खोमचे वालों को यों ही नहीं हटा सकती हेमंत सरकार

Ranchi-गैंगवार के बाद प्रशासन द्वारा मोरहाबादी मैदान से फुटकर दुकानदार और ढेले खोमचे वालों को 24 घंटे के अन्दर मैदान खाली करने के आदेश के बाद पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सरकार पर बड़ा हमला बोला है.

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सरकार अपराध पर नियंत्रण पाने में विफल साबित हो रही है. यही कारण है कि अपराधी डीसी और एसपी आवास के निकट अब अपराध को अंजाम दे रहे हैं. राज्य के मुख्यमंत्री को न तो कानूनी प्रावधानों की चिंता और न ही गरीब पथ विक्रेताओं की चिंता. इस तुगलकी फरमान के बाद ढेला, खोमचा पर बिक्री कर अपनी आजीविका चलाने वालों के सामने भूखमरी की स्थिती कायम हो जाएगी.

सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के तहत स्ट्रीट वेंडर्स को इस प्रकार नहीं हटाया जा सकता  

मुख्यमंत्री को यह जानकारी होनी चाहिए कि सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा महाराष्ट्र एकता हॉकर्स यूनियन के मामले में वर्ष 2009 तथा 2014 को दिए गए न्याय निर्णय के आलोक में केंद्र सरकार के द्वारा स्ट्रीट वेंडर्स प्रोटेक्शन ऑफ लाइवलीहुड एंड रेगुलेशन ऑफ स्ट्रीट वेंडिंग एक्ट 2014 लागू किया गया है और इसमें निहित प्रावधानों के अनुसार इन स्ट्रीट वेंडर्स को इस तरह से हटाया नहीं जा सकता.

स्ट्रीट वेंडर्स की आजीविका को सुरक्षा प्रदान करना राज्य सरकार का दायित्व

उपरोक्त अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के अनुसार राज्य सरकार की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वह इन स्ट्रीट वेंडर्स को व्यवस्थित करें और उन्हें व्यवसाय तथा रोजगार करने के लिए अवसर प्रदान करें. भाजपा सरकार के कार्यकाल में उपरोक्त कानूनी प्रावधानों के अनुरुप ही मेन रोड के स्ट्रीट वेंडर्स को व्यवस्थित करने के लिए अटल स्मृति भवन तथा अन्य स्थानों पर इसी प्रकार के स्ट्रीट वेंडर्स को व्यवस्थित करने के लिए वेंडिंग मार्केट बनाया गया था या उसकी प्रक्रिया जारी थी.

झारखंड पथ विक्रेता आजीविका संरक्षण एवं विनियमन नियमावली के तहत स्ट्रीट वेंडर्स के हितों का हो हिफाजत

रघुवर दास  ने हेमंत सोरेन पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी को उपरोक्त केंद्रीय प्रावधानों समेत राज्य सरकार के द्वारा बनाई गई झारखंड पथ विक्रेता आजीविका संरक्षण एवं विनियमन नियमावली के प्रावधानों की जानकारी भी होनी चाहिए.

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मोराबादी समेत राज्य के पथ विक्रेताओं के अधिकारों समर्थन करते हुए पथ विक्रेताओं को तत्काल राहत देने की मांग की और कहा कि राज्य सरकार यह स्पष्ट करें कि उसके पास संपूर्ण राज्य के स्ट्रीट वेंडर्स को व्यवस्थित करने अथवा उनके लिए वेंडिंग जोन बनाने की क्या योजना है और यदि नहीं है तो क्यों नहीं?

पूर्व मुख्ममंत्री ने कहा कि झामुमो-कांग्रेस की सरकार को याद दिलाना चाहता हूं कि इन लोगों ने सभी गरीब परिवारों को

प्रतिवर्ष ₹72000 देने का वादा किया था और यह भी आश्वासन दिया था कि गरीब परिवारों को सुविधायुक्त तीन कमरों

के सुंदर आवास के लिए तीन लाख रुपए दिए जाएंगे और वृद्ध, दिव्यांगजन एवं विधवा महिलाओं को पेंशन

के ₹2500 प्रतिमाह दिए जाएंगे. महिलाओं को चूल्हा खर्च के लिए 2000 प्रतिमाह देने की बात कही गयी थी.

जन वितरण दुकानों से चायपत्ती, सरसों तेल, साबुन, सब्जियां एवं दाल भी उपलब्ध करवाने की घोषणा की गयी थी,

लेकिन उन योजनओं को पूरा करना तो दूर गरीब पथ विक्रेता और सब्जी विक्रेताओं को जबरन हटा

कर उन्हे भूखा मारने की कोशिश की जा रही हैजा रही है.

रिपोर्ट-मदन 

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