रांची में बारिश सामान्य से अधिक, लेकिन पाकुड़ और लोहरदगा में संकट

रांची में बारिश सामान्य से अधिक, लेकिन पाकुड़ और लोहरदगा में संकट

रांची: झारखंड में मानसून की देरी और जून-जुलाई की कम बारिश के कारण स्थिति चिंताजनक रही। जुलाई के अंत तक, राज्य में सामान्य बारिश से 50% कमी दर्ज की गई थी। हालांकि, अगस्त में अच्छी बारिश ने स्थिति को काफी हद तक सुधार दिया है। अगस्त के अंत तक, राज्य में वर्षा की कमी 13% पर आ गई है। मौसम विभाग के अनुसार, 4 सितंबर तक राज्य में 831.8 मिमी बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन 727.1 मिमी ही हुई है।

रांची की स्थिति अलग रही है, जहां सामान्य से 2% अधिक बारिश हुई है। यहां 848.2 मिमी बारिश की अपेक्षा 868.9 मिमी बारिश दर्ज की गई है। हालांकि, राज्य के विभिन्न जिलों में बारिश की असमानता के कारण सूखे की स्थिति बनी हुई है। पाकुड़ में बारिश की कमी सबसे गंभीर है, जहां 31 अगस्त तक 910.1 मिमी बारिश की अपेक्षा केवल 438.9 मिमी हुई है, जो सामान्य से 52% कम है। लोहरदगा और देवघर में भी क्रमशः 36% और 33% बारिश की कमी देखी गई है।

फसल पर मानसून की देरी का सीधा असर पड़ा है। राज्य में 18 लाख हेक्टेयर में धान की रोपनी का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन 31 अगस्त तक केवल 15.59 लाख हेक्टेयर में ही धान की रोपनी हो पाई है। जुलाई के अंत तक मात्र 8% खेतों में धान की रोपनी हुई थी, जो अब बढ़कर 86.63% हो गई है। बोकारो, सरायकेला और पलामू जैसे जिलों में धान की रोपनी अभी भी 70 से 80 प्रतिशत तक सीमित है।

आईएमडी के अनुसार, 5 और 6 सितंबर को रांची और आसपास के क्षेत्रों में हल्की बारिश की संभावना है, जबकि राज्य के अन्य हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। इस दौरान वज्रपात की भी संभावना जताई गई है। फिलहाल, राज्य में धान की खेती 86.63% पूरी हो चुकी है, जबकि मक्का, दलहन, तिलहन और मोटे अनाज की खेती क्रमशः 85.72%, 59.55%, 50.70% और 80.71% तक हो चुकी है।

 

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