Ranchi Firing : चर्चित कोयला कारोबारी बिपिन मिश्रा पर 7 मार्च को हुए फायरिंग मामले का खुलासा हो गया है। मामले में पुलिस ने छह अपराधियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में मास्टरमाइंड प्रेम पांडेय सहित अन्य चार शूटर और एक सहायक अपराधी शामिल हैं। इस घटना के बाद पुलिस ने बड़ी मात्रा में हथियार भी बरामद किए हैं, जिनमें एक ऑस्ट्रिया मेड पिस्टल सहित तीन अन्य हथियार और कारतूस शामिल हैं।
Highlights
ये भी पढ़ें- Dhanbad : इस विवाद में भिड़ गए दो पक्ष कि चल गया लाठी-डंडा, दो हो गए गंभीर…
Ranchi Firing : गैंगस्टर अमन साव के इशारे पर प्रेम पांडेय ने दिया था घटना को अंजाम
रांची के डीआईजी सह एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया कि कारोबारी बिपिन मिश्रा पर हमले की पूरी योजना प्रेम पांडेय द्वारा तैयार की गई थी। प्रेम पांडेय ने गैंगस्टर अमन साव के कहने पर इस हमले को अंजाम दिया था। 2025 फरवरी में रामगढ़ जेल से बाहर आए प्रेम पांडेय को जेल में ही बंद गैंगस्टर अमन साव और उसके गुर्गों ने आदेश दिया था कि वह बिपिन मिश्रा पर हमला करे। इसके बाद, प्रेम पांडेय ने जेल में ही एक अन्य अपराधी करण उरांव के साथ मिलकर हमले की योजना बनाई। इस योजना में चार अन्य अपराधी-रहमान अंसारी, शोभित सिंह, विशाल मुंडा और अविनाश कुमार ने भी मदद की थी।
ये भी पढ़ें-Dhanbad : दो बच्चों की मां को हुआ प्यार, हो गई फरार, फिर प्रेमी ने पति पर कर दिया चाकू से वार…
अमन साव गैंग ने उपलब्ध करवाए थे हथियार
डीआईजी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि मामले में गिरफ्तारी के एसआईटी टीम का गठन किया गया था। टीम ने गहन जांच करते हुए 6 अपराधियों को अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया है। बिपिन मिश्रा पर हमले के लिए अमन गैंग ने अत्याधुनिक हथियारों की व्यवस्था की थी। इस मामले में दिलचस्प बात यह रही कि हथियार शूटरों तक पहुंचाने के लिए किसी आदमी का इस्तेमाल नहीं किया गया। अमन गैंग ने एक निश्चित स्थान पर ऑस्ट्रिया मेड पिस्टल और अन्य हथियार रख दिए थे। शूटरों को इन हथियारों के स्थान के बारे में जानकारी दी गई, और फिर उन्होंने हथियार लेकर दो दिन तक बिपिन मिश्रा की रेकी की। जिसके बाद मौका देखते ही 7 मार्च को बिपिन मिश्रा पर फायरिंग की घटना को अंजाम दिया गया।
ये भी पढ़ें- Ranchi Fire : अपर बाजार के गोविंद भंडार में लगी भीषण आग, मची अफरातफरी…
रंगदारी विवाद और बदला लेने की भावना
मिली जानकारी के मुताबिक इस फायरिंग के पीछे एक लंबा विवाद था, जिसमें बिपिन मिश्रा और अमन साहू के बीच रंगदारी का मुद्दा भी था। अमन साहू को यह संदेह था कि बिपिन मिश्रा और कोयला कारोबारी विकास तिवारी के बीच कोई गठजोड़ था, और यह गठजोड़ उसकी गैंग को रंगदारी देने से रोक रहा था। यही कारण था कि अमन ने बिपिन मिश्रा पर हमला करने की योजना बनाई। वहीं, प्रेम पांडेय को भी कुछ व्यक्तिगत कारणों से बदला लेने की भावना थी, और वह भी इस हमले में शामिल हुआ।
ये भी पढ़ें- Hazaribagh : मंगल को जन्मे, मंगल ही करते, मंगलमय हनुमान-मंगलवारी जुलूस के साथ रामनवमी का आगाज…
घटना को अंजाम देने के बाद मनाली भाग गए थे अपराधी
फायरिंग की घटना को अंजाम देने के बाद सभी अपराधी मनाली भाग गए थे। रांची पुलिस के अनुसार, ये सभी अपराधी मनाली में एक होटल में ठहरे थे, जहां उन्होंने ऐशो आराम किया। घटना के कुछ समय बाद जब उन्हें यह लगा कि पुलिस मामले को लेकर सक्रिय नहीं है तब वे रांची लौटे। हालांकि, पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास कर रही थी। जैसे ही इन अपराधियों ने रांची लौटने की कोशिश की, पुलिस ने उन्हें कई स्थानों से गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी और जांच जारी
पुलिस ने जिन छह अपराधियों को गिरफ्तार किया है, उनके पास से कई महत्वपूर्ण सुराग भी मिले हैं। फिलहाल, सभी अपराधियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और मामले की गहन जांच जारी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में अन्य अपराधियों के भी शामिल होने की संभावना है और जल्द ही अन्य आरोपियों की भी गिरफ्तारी की जाएगी।