Ranka: गढ़वा जिले के रंका प्रखंड के विश्रामपुर पंचायत के कुधरूम गांव में कोरवा और परहिया जनजाति के ग्रामीण इन दिनों सरकारी राशन वितरण में अनियमितता को लेकर परेशान हैं। गरीब और वंचित परिवारों को मिलने वाला सरकारी चावल न तो पूरा मिल रहा है और न ही समय पर।
शिकायत करने पर राशन काटने की धमकीः
ग्रामीणों का कहना है कि सरकार की योजना के अनुसार प्रत्येक परिवार को हर महीने 35 किलो चावल दिया जाना चाहिए, लेकिन कुधरूम गांव में यह मात्रा घटाकर सिर्फ 31 किलो चावल ही दी जा रही है। कई बार उन्हें सड़ा या निम्न गुणवत्ता का चावल भी दिया जाता है। इसके अलावा, यह राशन हर माह नियमित रूप से नहीं, बल्कि दो से तीन महीने के अंतराल पर वितरित किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में राशन वितरण की जिम्मेदारी उपेंद्र तिवारी नामक व्यक्ति के पास है। जब कुछ ग्रामीणों ने इस अनियमितता के खिलाफ आवाज उठाई, तो उन्हें राशन काटने की धमकी तक दी गई। इससे गांव में भय और नाराजगी दोनों का माहौल है।
खाद्य आपूर्ति विभाग की लापरवाहीः
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस पूरे मामले में खाद्य आपूर्ति विभाग की लापरवाही साफ झलक रही है। अगर विभागीय अधिकारी नियमित रूप से जांच और निगरानी करते, तो गरीबों का हक नहीं मारा जाता। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि विभागीय मिलीभगत के कारण हर माह राशन वितरण में गड़बड़ी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि गढ़वा जिले में अधिकारी होने के बावजूद, निचले स्तर पर हो रही इस हेराफेरी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। कोरवा और परहिया जनजाति जैसे अति पिछड़े समुदायों को उनके हक से वंचित किया जा रहा है, जो चिंता का विषय है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और सरकार से मांग की है कि इस मामले में उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए और दोषी अधिकारियों एवं डीलर पर सख्त कार्रवाई की जाए।
रिपोर्टः आकाश
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