धनबाद: झारखंड में सरकारी शराब दुकानों से शराब गायब होने के मामले में अब चूहों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। धनबाद के बलियापुर और प्रधान खंता स्थित दो सरकारी शराब दुकानों से कुल 802 बोतल विदेशी शराब गायब होने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। दुकान संचालकों ने इस गायब हुई शराब का ठीकरा चूहों पर फोड़ा है, लेकिन अब राज्य सरकार ने इस पर सख्त रुख अपनाया है।
राज्य के उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि “अब यह जांच का विषय होगा कि शराब जमीन पर रेंगने वाले चूहों ने पी या फिर दो पैरों पर चलने वाले चूहों ने गटक ली।” मंत्री ने कहा कि यह हेमंत सरकार पार्ट टू है और इस बार किसी भी तरह की लापरवाही या लीपापोती को बख्शा नहीं जाएगा।
मंत्री ने मामले की जांच की घोषणा करते हुए कहा, “हम पूरी तरह से जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहे हैं। यह पता लगाया जाएगा कि असली चूहा कौन है – जानवर या इंसान? और दोषी कोई भी हो, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
चूहों पर शराब पीने का आरोप
गौरतलब है कि दुकान संचालकों ने जांच टीम को बताया कि स्टॉक जांच के दौरान कई शराब की बोतलें या तो पूरी तरह से गायब थीं या उनकी सील टूटी हुई थी। उन्होंने दावा किया कि चूहों ने बोतलों के ढक्कन चबा कर शराब गटक ली। यह घटना उस वक्त सामने आई जब राज्य में नई शराब नीति लागू होने से पहले सभी दुकानों में स्टॉक की गिनती कराई जा रही थी।
पहले भी चूहों पर लग चुके हैं नशे के आरोप
यह पहला मामला नहीं है जब धनबाद के चूहों को नशे की सामग्री नष्ट करने का दोषी ठहराया गया हो। इससे पहले भी जब्त की गई गांजा और भांग को चूहों द्वारा खा जाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। अब यह नया मामला एक बार फिर चूहों को संदेह के दायरे में ला रहा है – हालांकि इस बार मानव लापरवाही और भ्रष्टाचार की आशंका अधिक जताई जा रही है।
सरकार ने जताई सख्ती, जल्द होगी कार्रवाई
मंत्री ने भरोसा दिलाया है कि “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि दोषियों को चिन्हित किया जाए, चाहे वे इंसानी चूहे हों या जानवर।” उन्होंने कहा कि उत्पाद विभाग को जांच के निर्देश दे दिए गए हैं और रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला झारखंड में सरकारी तंत्र की कार्यशैली और जवाबदेही पर भी सवाल उठाता है। अब देखना होगा कि जांच के बाद असली दोषी कौन निकलता है – चूहा या इंसान?
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