1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं राजविंदर सिंह भट्टी
पटना : राजविंदर सिंह भट्टी को बिहार के नए डीजीपी बनाया गया है.
ये भारतीय पुलिस सेवा के 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं.
रविवार को बिहार सरकार के गृह विभाग द्वारा नए डीजीपी के नाम की अधिसूचना जारी की गई है.
पूर्व डीजीपी एसके सिंघल का कार्यकाल समाप्त हो चुका है जिसके बाद
राजविंदर सिंह भट्टी को सूबे का नया डीजीपी बनाया गया है.
भट्टी इससे पहले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पूर्वी कमान के एडीजी के पद पर कार्यरत थे.

बिहार के नए डीजीपी: कड़क अधिकारी की छवि
बिहार में आरएस भट्टी की छवि एक कड़क अधिकारी की है. कहा जाता है कि उन्होंने शहाबुद्दीन, प्रभुनाथ सिंह, दिलीप कुमार सिंह जैसे बाहुबलियों के खिलाफ कार्रवाई करने के दौरान बिना किसी हिचकिचाहट के काम किया था. उन्हें सीवान में डीआईजी के तौर पर काम करने का भी मौका मिला. भट्टी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के तहत 2 बार सीबीआई में भी रहे हैं और उन्होंने एयरपोर्ट ऑथॉरिटी ऑफ इंडिया में चीफ विजिलेंस ऑफिसर के रूम में भी सेवाएं दी हैं.

शहाबुद्दीन की गिरफ्तारी में रहा अहम रोल
सितंबर 2005 में राजविंदर सिंह भट्टी को सीवान का एसपी बनाया गया था. मीडिया रिपोटर््स के मुताबिक, सीवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की गिरफ्तारी में भट्टी का बड़ा योगदान था. 5 नवंबर 2005 को एसपी आरएस भट्टी की ओर से शहाबुद्दीन की गिरफ्तारी की जिम्मेदारी महिला इंस्पेक्टर गौरी कुमारी को सौंपी गई थी. गौरी ने शहाबुद्दीन को दिल्ली वाले आवास से गिरफ्तार किया था. इस वक्त एसपी भट्टी सीवान में बैठकर पूरे ऑपरेशन को ऑपरेट कर रहे थे.

बिहार के नए डीजीपी : रेस में थे कई अन्य नाम
बता दें कि पिछले काफी समय से डीजीपी की रेस के लिए कई नाम चर्चे में थे. इसमें 1989 बैच के आईपीएस और डीजी प्रशिक्षण आलोक राज, 1990 बैच के आईपीएस एवं केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए आरएस भट्टी और 1990 बैच की आईपीएस और डीजी अग्निमशन एवं होमगार्ड सेवाएं शोभा ओहटकर का नाम चल रहा था. कयास लगाए जा रहे थे कि आलोक राज को बिहार के डीजीपी का नया प्रभार मिल सकता है.
हालांकि रेस में 1988 बैच के आईपीएस मनमोहन सिंह का भी नाम शामिल हुआ था. इन्में अगले आदेश तक के लिए आरएस भट्टी को बिहार के नए डीजीपी के तौर पर प्रतिनियुक्त किया गया है. कल 19 दिसंबर को एसके सिंघल का कार्यकाल पूरा होने के बाद बिहार महानिदेशक की कमान आरएस भट्टी ही संभालेंगे.
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