सद्दाम हुसैन के डायरी से फंसे अंतु, बिपिन, प्रिया रंजन और इरशाद, खुलेंगे और कई राज !

सद्दाम हुसैन के डायरी से फंसे अंतु, बिपिन, प्रिया रंजन और इरशाद, खुलेंगे और कई राज !

रांची: पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से संबंधित जमीन घोटाले मामले में ईडी की कार्रवाई लगातार जारी है। इस मामले में 16 अप्रैल को झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी के अंतु तिर्की, बिल्डर बिपिन सिंह, प्रिया रंजन सहाय और इरशाद अख्तर को ईडी ने गिरफ्तार किया है। ईडी की टीम अब इन चारों आरोपियों से पांच 5 दिनों तक पूछताछ करेगी। पीएमएलए की विशेष अदालत ने चारों आरोपियों से पूछताछ करने के लिए 5 दिनों की अनुमति प्रदान की है। इन पांच दिनों में ईडी जमीन घोटाले से संबंधित मामले में कई छुपे हुए राज उगलवाने की कोशिश करेगी।

डायरी में खुलासा, अंतु तिर्की ने लिए कई लाख रुपए

इन चारों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने रिमांड के लिए जो अर्जी पीएमएलए की विशेष अदालत में दाखिल किया था। उसमें जमीन घोटाले से संबंधित कई राज खोले हैं। ईडी ने अपनी अर्जी में कोर्ट को बताया है कि सद्दाम हुसैन के ठिकाने से बरामद डायरी की स्क्रुटनी से पता चला कि अंतु तिर्की खाता नंबर – 234 की जमीन के खरीद बिक्री में शामिल थे। डायरी से यह भी खुलासा होता है कि सद्दाम हुसैन और अंतु तिर्की के बीच बड़ी नकद का सौदा हुआ है। उसे डायरी के फोटोज भी कोर्ट में अर्जी के साथ दिए गए।

सद्दाम हुसैन के ठीकानों से मिले डायरी के कुछ पन्ने
सद्दाम हुसैन के ठीकानों से मिले डायरी के कुछ पन्ने

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फर्जी डीड का कॉपी ईडी ने किया बरामद

ईडी ने कोर्ट को यह भी जानकारी दी है कि 13 अप्रैल 2023 को ईडी ने सद्दाम हुसैन के ठिकानों पर छापेमारी की थी उस दौरान वर्ष 1940 का फर्जी डीड नंबर 3985 बनाने का काम किया जा रहा था, जिसकी एक कॉपी ईडी ने बरामद किया था। यह डीड 6.34 एकड़ में फैले खाता नंबर – 234 के लिए बनाया जा रहा था। जिसमें दो प्लॉट है, प्लॉट नंबर – 989 ( 84 डिसिमिल ) और प्लॉट नंबर – 996 ( 32 डिसिमिल ), जो कि बड़गांईं अंचल के 8.86 एकड़ प्रॉपर्टी के अंतर्गत आता है। जिसका इलीगल कब्ज हेमंत सोरेन के पास है। बड़गांईं अंचल के 8.86 एकड़ जमीन के साथ-साथ 6.34 एकड़ जमीन भी भुईंहारी जमीन है जिसकी बिक्री नहीं हो सकती लेकिन आरोपी हेमंत सोरेन, सद्दाम हुसैन, अफसर अली, प्रिय रंजन सहाय, अंतु तिर्की और अन्य ने अवैध और गुप्त तरीके से अर्जित, विक्रय और कब्जा किया गया।

आरोपियों ने वर्ष 1940 और 1974 के बनाए थे फर्जी डीड

उसके साथ-साथ कोर्ट को यह भी बताया गया है कि मोहम्मद सद्दाम हुसैन, अफसर अली, भानु प्रताप प्रसाद, प्रिया रंजन सहाय, बिपिन सिंह, इरशाद अख्तर और अन्य लोग रांची के गरी मौजा अंतर्गत 4.83 एकड़ जमीन के वर्ष 1974 के डिड नंबर – 3954 और वर्ष 1940 के डीड नंबर – 2376 फर्जी डीड बनाने में शामिल थे।

इरशाद अख्तर ने फेक डीड बनाने के लिए लाए थे सादे पन्ने

ईडी ने कोर्ट को बताया कि जांच के दौरान पता चला कि इरशाद अख्तर ने ओरिजिनल रजिस्टर से सादे पन्ने 4.83 एकड़ जमीन के फेक डिड बनाने के लिए लाए थे, जिसे बाद में उसी के द्वारा रिकॉर्ड में प्लांट किया गया। इरशाद अख्तर ने कोलकाता के रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के ओरिजिनल पेपर होटल पीयरलेस इन लेकर पहुंचा था, जहां पर अफसर अली और मोहम्मद सद्दाम हुसैन ने रजिस्टर में छेड़छाड़ करने का काम किया और टेंपरिंग करने के बाद उसकी जानकारी प्रेरंजन सहायक हो व्हाट्सएप में दी।

ईडी ने कोर्ट को बताया है कि इनलोगो के द्वारा सरकारी रिकॉर्ड्स में छेड़छाड़ करने का काम किया जा रहा है। इन तथ्यों से पता चलता है कि रांची में एक बड़ा गिरोह चल रहा है, जिसका ये लोग भी हिस्सा हैं। जो कि नहीं बेचे जाने वाली जमीन को अवैध तरीके से कब्जे में करने शामिल है।

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