Patna: राजधानी पटना में स्थित श्री अरविंद महिला कॉलेज में लेखक युगल की जन्मशती वर्ष के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के दौरान लेखक डॉ अशोक भाटिया की पुस्तक ‘अँधेरे में गुम आदमी’ का भी लोकार्पण किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे आलोचक, संपादक एवं साहित्यिक पत्रिका के संपादक प्रो शिवनारायण ने कहा कि युगल बिहार की माटी से जुड़े एक ऐसे रचनाकार थे जिन्होंने कई कालजयी लघुकथाएँ लिखी जिसमें ‘पेट का कछुआ’ हिंदी की सर्वश्रेष्ठ लघुकथा है। Patna Patna Patna Patna Patna Patna Patna
इससे पूर्व संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा, महाराष्ट्र के पूर्व कार्यकारी कुलपति प्रो कृष्ण कुमार सिंह ने कहा कि मनुष्य और समाज की संवेदनशीलता को बनाए रखने के लिए साहित्य का समृद्ध होना आवश्यक है। आधुनिक भौतिकवादी युग में मनुष्य और समाज से संवेदना लुप्त होती जा रही है। ‘अंधेरे में गुम आदमी’ पुस्तक के संपादक एवं करनाल के चर्चित लघुकथाकार डॉ अशोक भाटिया ने कहा कि युगल जी लघुकथा के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान किया। उन्होंने 350 से अधिक उत्कृष्ट लघुकथाएं लिखीं।.
लघुकथा कलश के संपादक योगराज प्रभाकर ने कहा कि रचनाकारों को संवेदना के साथ-साथ भाव और भाषा पर भी कार्य करने की जरूरत है। चुनार उत्तर प्रदेश निवासी अखिल भारतीय प्रगतिशील लघुकथा मंच के अध्यक्ष डॉ राम दुलार सिंह पराया ने कहा कि रचनाकार समाज को राह दिखाने वाले होते हैं। उन्हें स्वांतः सुखाए के बजाए अपनी रचनाओं में सामाजिक विसंगतियों को शामिल करना चाहिए। जेपी विवि छपरा की पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो अनीता राकेश ने हिंदी लघुकथा का समकाल और युगल, राम यतन यादव ने हिन्दी लघुकथा के विकास में युगल का योगदान एवं डॉ प्रिया कुमारी ने युगल का लघुकथा कर्म शोध आलेख प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए अखिल भारतीय प्रगतिशील लव कथा मंच के महासचिव डॉ ध्रुव कुमार ने इस पुस्तक के प्रकाशन की अशोक भाटिया को बधाई दी । उन्होंने कहा कि युगल जी अपनी दिखे एक महान रचनाकार थे जिन्होंने लघु कथा के आधारित कहानी उपन्यास कविता और अन्य विधाओं में भी अनेक कार्य किए। उनका जन्म मोहिउद्दीन नगर, समस्तीपुर में 17 अक्टूबर, 1925 को हुआ था और उन्होंने 1975 से 2015 तक लघुकथा लेखन में अपना योगदान दिया। 28 अगस्त 2016 को हाजीपुर में उन्होंने आखिरी सांस ली।
संगोष्ठी को झारखंड की सारिका भूषण, अरविंद महिला कॉलेज की प्राचार्य डॉ साधना ठाकुर, रूबी भूषण, विभा रानी श्रीवास्तव, रजनी प्रभा, सी रा प्रसाद, नीरजा कृष्णा, सतीश चंद्र भगत चितरंजन भारती, डॉ मनीष कुमार आदि ने भी संबोधित किया। इस दौरान कॉलेज की छात्राओं ने युगल की तीन लघुकथाओं का नाट्य मंचन किया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। संगोष्ठी के तीसरे सत्र में लघु कथा पाठ का आयोजन किया गया जिनमें सिद्धेश्वर, प्रभात कुमार धवन, अनिल रश्मि, गार्गी राय, पूनम कतरियार, ए आर हाशमी, श्रेया, अतुल राय, ऋचा वर्मा, सीमा रानी, आशुतोष मृणाल, आलोक चोपड़ा, कल्याणी कुसुम सिंह, मधुरेश नारायण, रवि श्रीवास्तव ने अपनी लघुकथाएं पढ़ी।
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