एमपी एमएलए कोर्ट ने सुनाया फैसला
भागलपुर : भागलपुर से कांग्रेस विधायक सह बिहार विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा समेत सात अभियुक्तों
को कोर्ट ने एक साल की सजा सुनाई है साथ ही एक हजार का जुर्माना भी लगाया है. यह सजा भागलपुर के
एमपी एमएलए कोर्ट ने बुधवार को सुनाई है.
कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कुछ लोगों के साथ चुनाव कार्य किया था बाधित
भागलपुर एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विवेक कुमार सिंह की अदालत ने चार जनवरी बुधवार
को कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा समेत सात लोगों को निर्वाचन कार्य में बाधा डालने और सेक्टर पदाधिकारी
तथा पुलिस टीम के समर्थकों के साथ घेराबंदी करने और पदाधिकारियों से बहस करने चुनाव कार्य में
बाधा डालने के मामले में दोषी पाते हुए यह सजा सुनाई है.
कोर्ट ने भारतीय दंड विधान संहिता की धारा 353 के तहत विधायक अजीत शर्मा समेत सात अभियुक्तों
को एक साल की साधारण कारावास और एक हजार रुपये जुर्माना लगाया है. वहीं विशेष न्यायाधीश ने
भारतीय दंड विधान संहिता की धारा 341 में 15 दिनों की साधारण कारावास और 250 रुपये जुर्माना लगाया है.
इस सजा में डिफॉल्ट होने पर 500 रुपये का जुर्माना देना होगा.
इनलोगों को सुनाई गई सजा
विधायक अजीत शर्मा के अलावा मोहम्मद रियाज उल्लाह अंसारी, मोहम्मद इरफान खान उर्फ पिंटू, मोहम्मद नियाज उद्दीन,
मोहम्मद मंजर उद्दीन उर्फ चुनना, मोहम्मद शफकत उल्लाह, मोहम्मद नियाज उल्ला उर्फ आजाद हैं.
हालांकि अभी सभी अभियुक्तों को भागलपुर न्यायालय के विशेष न्यायाधीश विवेक कुमार सिंह ने सजा
के बाद बांड भराकर मुक्त कर दिया.
सरकार की तरफ से अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी प्रभात कुमार ने बहस किया था.
कांग्रेस विधायक: क्या है मामला
विधानसभा चुनाव के दौरान 3 नवंबर 2020 को भीखनपुर के समीप चलंत मतदान केंद्र के दंडाधिकारी पुलिस
पार्टी को विधायक अजीत शर्मा ने समर्थकों के साथ शाम के 4ः30 पदाधिकारियों का घेराव किया था.
अजीत शर्मा ने चलंत मतदान केंद्र के साथ चल रहे दंडाधिकारी बाल्मीकि कुमार से तू तू मैं मैं भी की थी.
अजीत शर्मा का यह कहना था कि उनकी गाड़ी में ईवीएम मशीन कैसे रखी हुई है.
दंडाधिकारी से भीड़ गये थे अजीत शर्मा
उस समय दंडाधिकारी बाल्मीकि कुमार ने उन्हें समझाने का प्रयास किया था कि वह चलंत मतदान केंद्र
आकस्मिक सेवा के लिए ईवीएम मशीन रखता है और हम लोग सेक्टर पार्टी हैं. जरूरत पड़ने पर उसे मतदान केंद्र पर मुहैया कराते हैं जिससे मतदान करने वालों को किसी तरह की परेशानी ना हो. लेकिन उस समय रहे प्रत्याशी
अजीत शर्मा समेत कई लोग काफी हंगामा करने लगे.
इसी दौरान भागलपुर विधायक अजीत शर्मा और उनके साथ सात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी साथ ही
कई अज्ञात के विरुद्ध भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. उस समय अधिकारी के रूप में मौजूद आईटीआई
के निदेशक मुंगेर निवासी बाल्मीकि कुमार ने इशाकचक थाने में यह केस दर्ज कराया था.
रिपोर्ट: अंजनी कुमार कश्यप