डिजिटल डेस्क : महाराष्ट्र के नागपुर में हिसा में कई पुलिसकर्मी घायल, 15 गिरफ्तार और 50 हिरासत में। महाराष्ट्र के नागपुर में हिंसा में एक DCP समेत 9 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। इस बीच बलवाइयों के खिलाफ एक्शन लेते हुए पुलिस की कार्रवाई जारी है।
हिंसा, पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी कर दंगे का माहौल बनाकर बवाल काटने पर आमादा 15 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। साथ ही अन्य 50 लोगों को हिरासत में भी लिए जाने की सूचना है जिनसे थानों में पूछताछ जारी है।
बवाल के बाद शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस और RAF (रैपिड एक्शन फोर्स) के जवानों की तैनाती कर दी गई है। नागपुर पुलिस का कहना है कि स्थिति फिलहाल कंट्रोल में है और लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की गई है।
एक अफवाह से नागपुर में भड़की हिंसा
आरंभिक तौर पर महाराष्ट्र के नागपुर में हुई इस हिंसा की वजह में मोटे तौर पर एक अफवाह के फैलने को बताया गया है। महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर के खुलताबाद में औरंगजेब की कब्र को हटाए जाने को लेकर विवाद अब नागपुर पहुंच गया है।
बताया जा रहा है कि बीते सोमवार को एक संगठन की ओर से किए गए प्रदर्शन के दौरान कुछ अफवाहें उड़ी जिसके बाद शहर में तनाव पैदा हो गया। देखते ही देखते दो गुट आमने-सामने आ गए और पत्थरबाजी शुरू हो गई।
सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई और फिर आग के हवाले कर दिया गया। JCB समेत कई कारें जलकर खाक हो गई। अफवाह के बाद भड़की हिंसा में पत्थरबाजी की घटना हुई। वहां उग्र लोगों ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया।
नागपुर के DCP निकेतन कदम भी पत्थरबाजी में घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि हिंसा में 6 आम लोगों के अलावा 3 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।

नकाबपोश बलवाइयों ने स्कार्फ से छिपा रखे थे चेहरे
पूरे देश में तेजी से सुर्खियों में नागपुर में हुई हिंसा के बारे में अभी तक यही तथ्यात्मक तौर पर पुष्ट हो पाया है कि महाराष्ट्र में औरंगजेब की क्रब को लेकर विवाद के बीच नागपुर में बड़ा बवाल हुआ। बीते सोमवार की शाम को एक प्रदर्शन के बाद उड़े अफवाह के बाद दो गुट आमने-सामने आ गए।
वह विवाद इतना बढ़ गया कि पत्थरबाजी शुरू हो गई। उपद्रवियों ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। आनन-फानन में पुलिस ने मोहड़ा संभाला। बताया जा रहा है कि नागपुर के महाल क्षेत्र में लगभग 1,000 लोगों की भीड़ ने बड़े पैमाने पर पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी की।

इस उपद्रव में कई पुलिस कर्मी भी घायल हुए हैं। पुलिस ने CCTV फुटेज से मिले तथ्यों के आधार पर पुष्ट किया है कि नकाबपोश बलवाइयों ने चेहरे स्कार्फ से छिपा रखे थे। उनके हाथों में धारदार हथियार, स्टिकर और बोतलें थीं। उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया, दुकानों में तोड़फोड़ की और पथराव किया। उन्होंने 8-10 वाहनों में भी आग लगा दी।
महाल इलाके में दो समूहों के बीच पहले से ही हुई झड़प के बाद शहर में तनाव बढ़ गया था। इसके बाद हंसपुरी इलाके में हिंसा भड़कने की खबर आई। अ
ज्ञात व्यक्तियों ने पथराव, दुकानों में तोड़फोड़ के अलावा वाहनों में आगजनी भी की। शहर की पुलिस ने उपद्रव की साजिश और अशांति फैलाने के आरोपियों को हिरासत में लिया है।

CCTV फुटेज के आधार पर नागपुर के बलवाइयों की धरपकड़ जारी
नागपुर में हुई हिंसा के तांडव के मामले में अब पुलिस CCTV फुटेज की मदद ले रही है। बताया जा रहा है कि CCTV और वीडियो के आधार पर जिन लोगों ने हिंसा की घटना को अंजाम दिया है, उनकी धर पकड़ की जा रही है।
साथ ही नागपुर पुलिस ने FIR दर्ज करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि हिंसा शुरू होने की ब्योरा भी CCTV फुटेज के जारी विश्लेषण में सामने आने लगा है।
नागपुर के शिवाजी चौक के पास कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था, इसलिए बड़े पैमाने पर पत्थर रखे हुए थे। उसी का इस्तेमाल बलवाइयों ने पत्थरबाजी के लिए किया।फिलहाल पुलिसकर्मी और फायर ब्रिगेड के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।
नागपुर के DCP अर्चित चांडक ने घटना के बारे में कहा कि – ‘…यह घटना कुछ गलतफहमी की वजह से हुई। …फिलहाल स्थिति अभी नियंत्रण में है। …यहां हमारा बल मजबूत है। …मैं सभी से अपील करता हूं कि वे बाहर न निकलें या पत्थरबाजी न करें।
…वहां पर पत्थरबाजी हो रही थी, इसलिए हमने बल का प्रदर्शन किया और आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया। …झड़प के दौरान कुछ गाड़ियों में आग लगा दी गई। …हमने फायर ब्रिगेड को बुलाकर आग बुझा दी है।
…इसमें कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। …पथराव के दौरान मेरे पैर में भी हल्की चोट लगी है। ….लेकिन हम सभी से शांति बनाए रखने का अनुरोध करते हैं।
….सभी से अनुरोध है कि वे अफवाहों पर भरोसा न करें। कानून व्यवस्था को न बिगाड़ें और पुलिस का सहयोग करें। हम हर तरह की कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं।’
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