डिजिटल डेस्क : यशस्वी के विवादास्पद आउट पर मेलबर्न में लगे चीटिंग-चीटिंग के नारे। मेलबर्न में सोमवार को संपन्न हुए चौथे टेस्ट मैच के दौरान आखिरी दिन के आखिरी सेशन में भारतीय बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल के विवादास्पद आउट पर घमासान मचा है। इस विवादास्पद आउट में थर्ड अंपायर की भूमिका पर सीधे मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) में ही सवाल उठा।
दीर्घा में बैठे दर्शकों ने भी इसका जमकर विरोध किया। एमसीजी में मौजूदा 30000 से ज्यादा दर्शकों भी अंपायर के इस फैसले से हैरान थे। भारतीय प्रशंसक इससे काफी निराश हुए और उन्होंने चीटिंग-चीटिंग के नारे लगाने शुरू कर दिए। दर्शक यशस्वी के आउट होने के काफी देर तक नारे लगाते रहे और इस बात का अहसास कराते रहे कि किस तरह यशस्वी के साथ बेइमानी की गई है।
यशस्वी के विवादास्पद आउटकी मूल गाथा की शुरूआत जानिए…
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न में जारी चौथे टेस्ट मैच के दौरान उस वक्त विवाद हो गया जब सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल के साथ बेमाइनी हुई। पैट कमिंस 71वां ओवर डालने आए और उस ओवर की पांचवीं गेंद पर यशस्वी ने पीछे की ओर शॉट खेलने का फैसला किया। गेंद विकेटकीपर एलेक्स कैरी के हाथों में गई और ऑस्ट्रेलिया टीम ने अपील की।
कमिंस की लेग साइड पर शॉर्ट पिच गेंद को यशस्वी ने फाइन लेग पर खेलने की कोशिश की। वह चूके और गेंद विकेटकीपर कैरी के हाथों में गई। मैदानी अंपायर ने यशस्वी को आउट नहीं दिया जिसके बाद कमिंस ने डीआरएस लेने का फैसला किया। रिप्ले में स्पष्ट नहीं हो पा रहा था कि गेंद यशस्वी के बल्ले का किनारा लेकर गई है या नहीं।
इसके बाद स्निको मीटर से जांचा गया, लेकिन स्निको मीटर में कोई हरकत नहीं दिखी। इसके बावजूद थर्ड अंपायर ने मैदानी अंपायर का फैसला पलट दिया और यशस्वी को आउट करार दिया। भारत को 140 के स्कोर पर सातवां झटका लगा। यशस्वी 84 रन बनाकर आउट हुए।
यशस्वी जायसवाल के साथ ग्राउंड पर हुई बेइमानी, सभी दिखे नाखुश…
भारत को 140 के स्कोर पर सातवां झटका लगा था। तब यशस्वी 84 रन बनाकर आउट हुए थे। उनके साथ बेइमानी हुई थी। कमिंस की लेग साइड पर शॉर्ट पिच गेंद को यशस्वी ने फाइन लेग पर खेलने की कोशिश की। वह चूके और गेंद विकेटकीपर कैरी के हाथों में गई। मैदानी अंपायर ने उन्हें नॉटआउट दिया। इसके बाद कमिंस ने डीआरएस लिया। थर्ड अंपायर शरफुदौला ने रिप्ले देखा।
स्नोकोमीटर पर बल्ले और गेंद का कोई संपर्क नहीं दिखा। हालांकि, गेंद थोड़ी डिफ्लेक्ट हुई थी और थर्ड अंपायर ने इसे सबूत मानकर यशस्वी को आउट दे दिया। थर्ड अंपायर शरफुदौला ने मैदानी अंपायर को अपना फैसला बदलने कहा। इसके बाद यशस्वी नाखुश दिखे और उन्होंने मैदानी अंपायर के सामने अपनी नाराजगी भी जताई। हालांकि, मैदानी अंपायर ने उन्हें जाने कहा।
मेलबर्न में आखिरी दिन के आखिरी सत्र में थर्ड अंपयार के स्तर पर विवादास्पद आउट का किस्सा समझें..
हैरानी की बात तो यह रही कि यशस्वी के विकेट के बाद आकाश दीप को स्निकोमीटर को ही सबूत मानकर तीसरे अंपायर ने फैसला सुनाया। आकाश सात रन बनाकर आउट हुए। बोलैंड की गेंद उनके पैड से लगकर हेड के हाथों में गई। फील्ड अंपायर ने आकाश को आउट नहीं दिया।
इसके बाद कमिंस ने रिव्यू लिया और इस बार तीसरे अंपायर ने स्निकोमीटर का हवाला देते हुए कहा कि गेंद आकाश के बल्ले का किनारा लेकर पैड पर लगी थी और फिर हेड के हाथों में गई थी। मेलबर्न में 340 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की दूसरी पारी 155 रन पर सिमट गई।
नियम के अनुसार, ऐसे मामलों में थर्ड अंपायर स्निको मीटर को चेक करता है और उसमें हरकत होने पर बल्लेबाज को आउट दिया जाता है। लेकिन यशस्वी के मामले में स्निको मीटर को ही नजरअंदाज कर दिया गया। रिप्ले में जब कुछ स्पष्ट नहीं था तो यशस्वी पर फैसला स्निको मीटर की हरकत के आधार पर दिया जाना चाहिए था।
यशस्वी जब शॉट खेल रहे थे, उस वक्त स्निको मीटर में कोई हरकत नहीं दिखी, जिसका स्पष्ट मतलब है कि गेंद यशस्वी के बल्ले का किनारा लेकर कैरी के हाथों में नहीं गई थी। इसके बावजूद थर्ड अंपायर बांग्लादेश के शरफुदौला ने यशस्वी को आउट करार दिया।
यशस्वी भी इस फैसले से खुश नहीं थे और उन्होंने मैदानी अंपायर के साथ इसकी चर्चा की, लेकिन उनके पास पवेलियन लौटने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।