रांची. डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची के प्राणीशास्त्र (Zoology) विभाग के स्नातक द्वितीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने 4 नवंबर 2025 को एक शैक्षिक भ्रमण के तहत तसर अनुसंधान संस्थान (Tasar Research Institute), रांची का भ्रमण किया। इस भ्रमण का उद्देश्य विद्यार्थियों को रेशम कीट पालन (Sericulture) और तसर उद्योग से जुड़ी जैविक एवं व्यावहारिक जानकारियों से अवगत कराना था।
इस भ्रमण का नेतृत्व विभाग के प्राध्यापक डॉ. गणेश चंद्र बास्के तथा मार्गरेट कुजूर मैडम ने किया। तसर अनुसंधान संस्थान, रांची के डॉ. विशाल मित्तल तथा प्रशिक्षण विभाग के प्रशिक्षक ने विद्यार्थियों को रेशम कीट पालन से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की। विद्यार्थियों ने सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक दोनों दृष्टिकोणों से तसर कीट के जीवन चक्र, पालन तकनीक, अंडों की देखभाल तथा कोकून से रेशम निकालने की प्रक्रियाओं का प्रत्यक्ष अवलोकन किया।
संस्थान के विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को बताया कि तसर रेशम प्राकृतिक वनस्पतियों पर पाले जाने वाले कीटों से प्राप्त होता है, जो झारखंड की जैव विविधता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। विद्यार्थियों ने प्रयोगशाला और रेशम उत्पादन इकाइयों का निरीक्षण कर कई वैज्ञानिक विधियों को समझा।
कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा किए और इस भ्रमण को अत्यंत उपयोगी एवं प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा कि इस शैक्षिक यात्रा ने न केवल उनके ज्ञान में वृद्धि की, बल्कि उन्हें पर्यावरण और स्थानीय जैव संसाधनों के महत्व को गहराई से समझने का अवसर भी प्रदान किया।




































