Thursday, October 23, 2025
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दुमका एयरपोर्ट पर शॉर्ट सर्किट से हादसा, सोलर प्लांट में लगी आग, हुआ लाखों का नुकसान

Dumka: दुमका एयरपोर्ट पर गुरुवार की सुबह उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब वहां लगे सोलर प्लांट में अचानक आग लग गई। यह घटना सुबह करीब 9 बजे हुई। शुरुआती जांच में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है। घटना में लगभग दो से तीन लाख रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है। एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पायाः हवाई अड्डा परिसर में रोशनी के लिए यह सोलर प्लांट लगाया गया था। चश्मदीदों के अनुसार, सुबह करीब नौ बजे प्लांट के मुख्य केबिन से अचानक धुआं और चिंगारी उठने लगी। कुछ ही मिनटों...

होटल मौर्या पहुँचने लगे महागठबंधन के दिग्गज, थोड़ी देर बैठक शुरू

होटल मौर्या पहुँचने लगे महागठबंधन के दिग्गज, थोड़ी देर बैठक शुरू पटना :  महागठबंधन के अंदर सीटों को लेकर जारी उठापटक पर आज विराम लग सकता है। आज गठबंधन की बैठक में तेजस्वी यादव को औपचारिक रूप से मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जा सकता है। इसी को लेकर होटल मौर्या पहुँचने लगे महागठबंधन के दिग्गज नेता और थोड़ी देर में बैठक शुरू होगी।विडियों देखे :ये भी पढ़े : बिहार चुनाव में सीट शेयरिंग पर महागठबंधन की बैठक आज, होगा बड़ा ऐलान 

बिहार चुनाव में सीट शेयरिंग पर महागठबंधन की बैठक आज, होगा बड़ा ऐलान

बिहार चुनाव में सीट शेयरिंग पर महागठबंधन की बैठक आज, होगा बड़ा ऐलान पटना :   महागठबंधन के अंदर सीटों को लेकर जारी उठापटक पर आज विराम लग सकता है। आज गठबंधन की बैठक में तेजस्वी यादव को औपचारिक रूप से मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जा सकता है। महागठबंधन में संभवत: सीएम के रूप में तेजस्वी को पेश करने को लेकर कांग्रेस के स्टैड को लेकर भी यह विकट स्थिति बनी है। गौरतलब हो कि राहुल गाँधी भी कई बार इस मुद्दे पर गोलमोल जबाब दे चुके है। इसको लेकर राजद ने अपने तेवर कड़े किये हैं।अशोक गहलोत सहमति बनाने...

Supreme Comment On Tirumala Row : भगवान को सियासत से दूर रखें

डिजीटल डेस्क : Supreme Comment On Tirumala Row – भगवान को सियासत से दूर रखें। तिरुमाला स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में प्रसाद (लड्डू) बनाने में पशु चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों की अदालत की निगरानी में जांच की मांग संबंधी याचिकाओं की सोमवार को Supreme Court ने की।

सुनवाई के दौरान Supreme Court ने अहम टिप्पणियां की। Supreme Court ने कहा कि – ‘हम कम से कम इतनी उम्मीद करते हैं कि देवताओं को राजनीति से दूर रखा जाएगा। अगर जांच के आदेश दिए गए थे तो प्रेस में जाने की क्या जरूरत थी? हमें भगवान को राजनीति से दूर रखना चाहिए’

Supreme Court ने प्रसाद प्रकरण पर आंध्र सरकार से पूछे सवाल

तिरुपति लड्डू विवाद पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि यह आस्था का मामला है। अगर मिलावटी घी का इस्तेमाल किया गया है तो यह अस्वीकार्य है। याचिकाकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता राजशेखर राव ने कहा कि वे एक भक्त के रूप में यहां आए हैं।

प्रसाद में मिलावट के बारे में प्रेस में दिए गए बयान के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं और इससे कई अन्य मुद्दे भी उठ सकते हैं। यही नहीं, इससे सांप्रदायिक सद्भाव भी बिगड़ सकता है। ये चिंता का विषय हैं। यदि भगवान के प्रसाद पर प्रश्नचिह्न है तो इसकी जांच होनी चाहिए।

इस पर Supreme Court ने आंध्र प्रदेश सरकार के वकील से कहा कि प्रयोगशाला की रिपोर्ट से पता चलता है कि जिस घी की जांच की गई, उसे दरकिनार कर दिया गया था। उसने राज्य से पूछा कि एसआईटी जांच के आदेश देने के बाद प्रेस में जाने की क्या जरूरत थी?

Supreme Court ने आंध्र प्रदेश सरकार से यह भी पूछा कि एसआईटी जांच के नतीजे आने तक प्रेस में जाने की क्या ही जरूरत थी? Supreme Court ने कहा कि कम से कम देवताओं को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए।

Supreme Court ने आंध्र प्रदेश सरकार से पूछा कि प्रसाद के लड्डू बनाने में दूषित घी का इस्तेमाल किया गया था या नहीं? टीडीपी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि लोगों ने शिकायत की थी कि लड्डू का स्वाद ठीक नहीं था।

प्रसाद के नमूने पर Supreme Court सवालों का जवाब नहीं दे पाए सरकारी वकील

Supreme Court ने कहा कि लोगों को इसकी जानकारी नहीं थी, आपने सिर्फ बयान दिया है। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि प्रसाद के लिए दूषित घी का इस्तेमाल किया गया था।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने Supreme Court से कहा कि यह आस्था का मामला है। अगर इस घी का इस्तेमाल किया गया है, तो यह अस्वीकार्य है। यह देखा जाना चाहिए कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है और इसकी जांच की जानी चाहिए।

Supreme Court ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि ‘वह चाहेंगे कि वे इस बात की जांच करें कि क्या राज्य द्वारा गठित एसआईटी द्वारा जांच की जानी चाहिए। क्या ऐसा बयान दिया जाना चाहिए था, जिससे भक्तों की भावनाएं आहत हों?

प्रथम दृष्टया इस स्तर पर ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे पता चले कि नमूने में इस्तेमाल किया गया घी लड्डू बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया था। जब जिम्मेदार सार्वजनिक पदाधिकारी ऐसे बयान देते हैं तो इसका एसआईटी पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

नमूने में सोयाबीन तेल हो सकता है, इसका मतलब यह नहीं है कि मछली के तेल का इस्तेमाल किया गया है। आपको आपूर्तिकर्ता पर संदेह हो सकता है। जब आपने जाकर बयान दिया तो यह दिखाने के लिए क्या है कि इसका इस्तेमाल किया गया था’?

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