डिजीटल डेस्क : Supreme Judgment On NEET – नीट यूजी 2024 दोबारा नहीं होगी, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की दोबारा परीक्षा की मांग वाली याचिकाएं। नीट यूजी 2024 पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई मंगलवार को पूरी हो चुकी है। इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि नीट यूजी 2024 की परीक्षा दोबारा नहीं होगी। सीजेआई ने कहा कि सीबीआई के खुलासे से पता चलता है कि जांच अभी भी पूरी नहीं हुई है।
आईआईटी दिल्ली के रिपोर्ट को सुनवाई के दौरान किया पेश
इससे पहले भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने सोमवार को आईआईटी-दिल्ली के निदेशक को भौतिकी के इस विवादित प्रश्न को लेकर तीन विषय विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने तथा मंगलवार दोपहर तक सही जवाब पर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। वहीं, सुनवाई शुरू होने पर सीजेआई ने रिपोर्ट में लिखी बातों का हवाला दिया और कहा, ‘हमें आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट मिली है। आईआईटी निदेशक रंगन बनर्जी ने भौतिकी विभाग की एक समिति गठित की और वे बताते हैं कि तीन विशेषज्ञों की एक टीम ने प्रश्न की जांच की। टीम का कहना है कि चौथा विकल्प सही जवाब है।’ सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट पर भी संज्ञान लिया। चीफ जस्टिस ने कहा कि हमारे समक्ष प्रस्तुत सामग्री और आंकड़ों के आधार पर प्रश्नपत्र के व्यवस्थित लीक होने का कोई संकेत नहीं है, जिससे परीक्षा की शुचिता में व्यवधान उत्पन्न होने का संकेत मिले। उन्होंने कहा कि जो तथ्य उसके सामने उपलब्ध है,उसके मद्देनजर दोबारा परीक्षा कराना न्यायोचित नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने नीट की दोबारा परीक्षा कराने से इंकार किया। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील संजय हेगड़े ने अपनी दलील में कहा कि ये साफ है कि 4 मई को स्टूडेंट्स को पेपर मिल चुका था। उन्होंने पेपर के सही जवाब याद किए और फिर भी फेल हो गए। पेपर लीक के लिए लंबी टाइमलाइन जरूरी है, कम समय में ये हो ही नहीं सकता। इस पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने एनईईटी यूजी से संबंधित मामलों की सुनवाई के दौरान, प्रश्न पत्र के भौतिकी भाग में विवादास्पद प्रश्न के सही उत्तर के रूप में विकल्प 4 को चिह्नित करने वालों को पूरे अंक देने और विकल्प 2 को सही उत्तर के रूप में चिह्नित करने वालों के कोई अंक नहीं काटने का प्रस्ताव रखा।
सीजेआई बोले – पटना और हजारीबाग में पेपर लीक होने पर कोई विवाद नहीं
सीजेआई ने कहा कि पटना और हजारीबाग में पेपर लीक होने पर कोई विवाद नहीं है। सीबीआई के खुलासे से पता चलता है कि जांच अभी भी पूरी नहीं हुई है, लेकिन पटना और हजारीबाग के अभ्यर्थी लीक से लाभान्वित हुए प्रतीत होते हैं। आदेश सुनाते हुए सीजेआई ने कहा कि याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाया गया मुख्य मुद्दा यह है कि दोबारा परीक्षा का आदेश दिया जाना चाहिए क्योंकि पेपर लीक हुआ था और परीक्षा के संचालन में प्रणालीगत कमियां थीं। वर्तमान जैसे मामले में, यह जरूरी है कि इस विवाद को तत्काल निश्चितता और अंतिमता प्रदान की जाए, क्योंकि इससे 23 लाख से अधिक छात्रों का करियर प्रभावित होता है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से 24 लाख अभ्यर्थियों के राहत भरा
नीट यूजी-2024 पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला करीब 24 लाख छात्रों के लिए राहतभरा है। कोर्ट ने कहा है कि नीट यूजी 2024 परीक्षा कैंसिल नहीं होगा क्योंकि गड़बड़ी के पर्याप्त सबूत नहीं हैं। इस केस में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र और एनटीए की तरफ से दलीलें पेश कीं। सीजेआई ने कहा कि अदालत ने एनटीए द्वारा रिकॉर्ड पर रखे गए डेटा की स्वतंत्र रूप से जांच की है। वर्तमान चरण में रिकॉर्ड पर साक्ष्यों या सामग्री का अभाव है। इससे यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि परीक्षा का परिणाम खराब हो गया है या परीक्षा की पवित्रता का प्रणालीगत उल्लंघन हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा – एनटीए को नीट परीक्षा का दोबारा पूरा रिजल्ट जारी करना होगा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनटीए को नीट परीक्षा का दोबारा पूरा रिजल्ट घोषित करना होगा। पूरी नीट-यूजी परीक्षा रद्द करने का आदेश न्यायोचित नहीं होगा। रिकॉर्ड में मौजूद आंकड़े पेपर के सिस्टमैटिक लीक होने का संकेत नहीं देते हैं। नीट यूजी 2024 के लिए कोई दोबारा परीक्षा नहीं होगी लेकिन 13 लाख छात्रों की रैंकिंग में फेरबदल का सामना करना पड़ेगा। सुनवाई करते हुए सीजेआई ने कहा, क्या यह कहना उचित होगा कि पेपर लीक से जुड़ी कुछ सामग्री हजारीबाग और पटना से बाहर गई है? ऐसा मानते हुए हम आज परीक्षा रद्द कर दें? कोर्ट ने कहा, अगर हम दोबारा परीक्षा का आदेश देते हैं तो छात्रों को पता होना चाहिए कि उन्हें तैयारी शुरू करनी होगी। अगर हम ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें यह भी जानने का हक है। हम छात्रों को लटकाए नहीं रख सकते। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान कहा, आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है और उसमें चौथे ऑप्शन को सही माना है।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी – व्यक्तिगत शिकायत वाले अभ्यर्थी हाईकोर्ट जा सकते हैं
सीजेआई ने कहा कि जिन उम्मीदवारों को व्यक्तिगत शिकायतें हैं, हम उन्हें हाईकोर्ट जाने को कह सकते हैं। मुझे नहीं लगता कि इस कोर्ट का काम व्यक्तिगत शिकायतों पर गौर करना है और हम उन मामलों को अलग कर देंगे। सॉलिसिटर जनरल की दलील को लेकर सीजेआई ने पूछा कि टॉप 100 छात्रों मे से कितने छात्र लीक वाले सेंटर से मिले थे? इस पर एसजी ने कहा, इसकी पूरी जानकारी देंगे। नीट यूजी की परीक्षा में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी नहीं हुई है क्योंकि टॉप 100 कैंडिडेट 95 सेंटर और 56 शहरों से हैं। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने कुछ सेंटर मे गड़बड़ी की ओर इशारा किया है। यह 24 लाख छात्रों से जुड़ा मसला है। कोर्ट को यह देखना होगा कि क्या गड़बड़ी का पूरे देश पर असर हुआ है। इसका जवाब है कि पूरे देश पर कोई असर नहीं हुआ है। बता दें कि नीट-यूजी-2024 की परीक्षा 5 मई को हुई थी। उसमें करीब 24 लाख छात्र शामिल हुए थे और 4 जून को रिजल्ट आया था जिस पर सवाल उठे। परीक्षा में 67 छात्र टॉप कर गए और सभी को 720 में से 720 नंबर मिले। ऐसा पहली बार हुआ कि इतनी बड़ी संख्या में छात्रों ने 100 फीसदी नंबर पाए। इसके बाद मामले ने तूल पड़का और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। इस मामले में सीबीआई ने कई गिरफ्तारियां भी की हैं। सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की है।