काबुल : अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान सरकार का गठन आज करने जा रहा है। तालिबान प्रवक्ता ने कहा कि तालिबान कभी भी सरकार के गठन का एलान कर सकता है। तालिबान राज का नेतृत्व संगठन का सह-संस्थापक अब्दुल गनी बरादर करेगा। वह दोहा स्थित तालिबान के सियासी दफ्तर का प्रमुख भी है। तालिबान के सभी शीर्ष नेता राजधानी काबुल पहुंच गए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कौन है अब्दुल गनी बरादर।
कौन है मुल्ला अब्दुल गनी बरादर
तालिबान के तीन करीबी सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि नई अफगान सरकार का नेतृत्व बरादर करेगा और इस बारे में घोषणा जल्द की जाएगी। तालिबान संस्थापक मुल्ला उमर का पुत्र मुल्ला याकूब और शेर मुहम्मद अब्बास स्तानिकजई भी सरकार में वरिष्ठ पदों पर आसिन होगा। शेर मुहम्मद तालिबान के सियासी दफ्तर का उपनेता है।
1968 में अफगानिस्तान के उरुजगान प्रांत में जन्मा बरादर तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर का साला है। बरादर ने 1980 के दशक में सोवियत संघ के खिलाफ लड़ाई लड़ी। 1992 में रूसी सेना को खदेड़ने के बाद अफगानिस्तान देश के प्रतिद्वंद्वी सरदारों के बीच गृहयुद्ध में घिर गया था।
बरादर ने अपने पूर्व कमांडर मुल्ला उमर के साथ कंधार में एक मदरसा स्थापित किया था। इसके बाद मुल्ला उमर और मुल्ला बरादर ने तालिबान की स्थापना की थी। 9/11 हमलों के बाद जब अमेरिका ने अफगानिस्तान पर धावा बोला तब तालिबान के सभी बड़े नेताओं को पाकिस्तान में पनाह मिली थी।
इन नेताओं में मुल्ला उमर और अब्दुल गनी बरादर भी शामिल थे। बताया जाता है कि बरादर को पाकिस्तान ने फरवरी 2010 में पाकिस्तान के कराची में गिरफ्तार किया था। हालांकि, इसका खुलासा करीब एक हफ्ते बाद किया गया था। इसके बाद बरादर को अक्टूबर 2018 तक पाकिस्तान की जेल में रखा गया और बाद में अमेरिका के अनुरोध पर उसे छोड़ दिया गया।