दलित-पिछड़ों और आदिवासियों के साथ भेदभाव कर रही है टाटा कंपनी- दलित कर्मचारी संघ

टाटा स्टील दलित निबंधित कर्मचारी पुत्र संघ

Jamshedpur- झारखण्ड मजदूर यूनियन और टाटा स्टील दलित निबंधित कर्मचारी पुत्र संघ ने टाटा कंपनी में साफ-सफाई का काम करने वाले कर्मचारियों के रिश्तेदारों का सीधी बहाली करने की मांग की है.

यहां बता दें कि पूरे देश में टाटा घराने से सभी इकाइयों में कंपनी के संस्थापक जे.एन. टाटा का जन्म दिवस मनाया जा रहा है. जबकि दूसरी ओर मूलवासी-आदिवासी, दलित, पिछड़ा वर्ग कंपनी पर अपनी उपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं.

दलित-पिछड़ों के साथ भेदभाव कर रहा है टाटा कंपनी 

टाटा स्टील दलित निबंधित कर्मचारी संघ का कहना है कि कंपनी के द्वारा इन समुदायों से जुड़े कर्मियों को अनपढ़ बताकर उनकी अनदेखी की जा रही है.

जबकि यह एक सच्चाई है कि इन समुदायों के कर्मचारी ब्रिटिश काल से कंपनी के साथ कंधा से कंधा मिलाकर काम करते रहे हैं. इन समुदाय से जुड़े कर्मचारी  5-6 वर्षों से लगातार चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांग सुनी नहीं जा रही है. यदि यही हालत रही तो जल्द ही गर्वनर हाऊस, रांची के सामने अनशन किया जाएगा,  उसके बाद भी बात नहीं बनी तो दिल्ली की ओर कुच करेंगे. कंपनी के चेयरमैन और रतन टाटा से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगायी जाएगी. टाटा स्टील जी0 एम0 ऑफिस, जमशेदपुर में अनिश्चितकालीन का अनशन की शुरुआत की जाएगी.

कर्मचारियों ने इस मामले में सरकार से हस्तक्षेप करने मांग करते हुए कहा कि हमारे बाप-दादाओं ने कंपनी की सेवा की है, सफाई कर्मियों का कार्य परमानेंट जॉब है, जबकि कंपनी इसके लिए आउटसोर्सिंग कर रही है. श्रम कानून का घोर उल्लंघन है.

रिपोर्ट- लाला जबीं

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