रांची : सरकारी स्कूलों को लेकर कैबिनेट मंत्री रामेश्वर उरांव के बयान के बाद शिक्षक संघ ने नाराजगी जताई है। मंत्री के इस बयान को शिक्षक संघ ने दिवालियापन की नजीर बताया है। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि माननीय वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव जी दिवालियापन में आकर यह बयान दे रहे हैं, क्योंकि उनको पता नहीं है कि सरकारी शिक्षक इस कोरोना काल में पीडीएस दुकान से लेकर अस्पताल, क्वॉरेंटाइन सेंटर, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, हवाई अड्डा, दवा दुकान, चेक नाका, ऑक्सीजन सेंटर, ऑनलाइन ट्रेडिंग, राशन कार्ड के लिए आए नए आवेदनों की भी जांच, कोविड टेस्ट के लिए कैंप में भी तैनाती, गांव में बाहर से आने वाले लोगों का किया गया सर्वे, प्रवासी मजदूरों को बसों से जिला और गांव तक पहुंचाया, राज्य की सीमाओं और टोल प्लाजा पर की गई ड्यूटी, सड़क पर पुलिस के जवानों के साथ मजिस्ट्रेट की भूमिका में तैनात रहे।
कोविड काल में कई तरह के काम शिक्षकों से कराये गये। इसके बावजूद उन्हें लगता है कि शिक्षक ड्यूटी नहीं करते सिर्फ वेतन लेते हैं,,, इस तरह के बयान से पहले जांच कर ले उसके बाद ही यह बात बोले क्योंकि आज की तारीख में पूरे भारत में जिस तन्मयता और ईमानदारी के साथ शिक्षक अपने कार्यों का निर्वहन करते हैं उतन तो अधिकारी भी नहीं करते हैं और दबे जुबान से सब लोग कहते हैं कि जो कार्य शिक्षक करते हैं वह दूसरे लोग नहीं कर पाते। लेकिन पता नहीं सरकार में बैठे मंत्री लोग इतनी हेय दृष्टि से शिक्षकों क्यों देखते हैं, आज जो मंत्री बने हैं कहीं ना कहीं कोई सरकारी शिक्षक ही उनको पढ़ाए होंगे यह सच्चाई है और निजी और सरकारी विद्यालय की तुलना बंद करें, जो व्यवस्था निजी विद्यालय में है वह व्यवस्था सरकारी स्कूलों में नही है।
रिपोर्ट : शाहनवाज़