Tuesday, July 1, 2025

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अभी नहीं मिली मंजिल, जारी रहेगी लड़ाई – आंदोलनकारी

रांची: धनबाद और बोकारो से क्षेत्रीय भाषाओं की सूची से भोजपुरी और मगही हटाए जाने पर आंदोलनकारियों ने खुशी जाहिर की है. सरकार के फैसले के बाद ज्यादातर छात्र नेताओं का कहना है कि लड़ाई आगे भी जारी रहेगी. उनका कहना है कि सरकार का फैसला सिर्फ दो ज़िलों के लिए आया है. इसे पूरे राज्य में लागू करना होगा. छात्र नेता जयराम महतो ने कहा कि अब 1932 आधारित खतियान नीति लागू करने और वृहत झारखंड के लिए आंदोलन जारी रहेगा.

जयराम का कहना है कि पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के कुछ हिस्सों को मिलाकर वृहद झारखंड की मांग की जाएगी. झारखंडी भाषा संघर्ष समिति के विकास महतो ने कहा, यह आंदोलन का नतीजा है कि सरकार को अपना निर्णय बदलना पड़ रहा है. दूसरे छात्र नेताओं ने भी सरकार के फैसले का स्वागत तो किया है लेकिन साथ में राज्य के दूसरे हिस्सों से भी इन भाषाओं को हटाने के लिए आंदोलन जारी रखने की बात कही है.

अभी नहीं मिली मंजिल, जारी रहेगी लड़ाई - आंदोलनकारी

खतियान आधारित नियोजन और स्थानीय नीति लागू करने के लिए दौड़ा बोकारो व धनबाद

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