रांची: जेल में बंद छेड़खानी के आरोपी प्रिंसिपल मोहम्मद शमशाद अली के खिलाफ झारखंड सरकार ने एक दो सदस्यीय टीम स्कूल भेजी है। शनिवार को जांच टीम ने भौतिक सत्यापन के आधार पर उन पर लगे आरोपों को सत्यापित किया है। इसके बाद हेडमास्टर को साहिबगंज मंडल कारा में भेज दिया गया है।
सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी सीमा प्रसाद और अवर सचिव स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की किरण कुमारी ने बताया है कि सीसीटीवी फुटेज नहीं मिला, लेकिन बच्चियों और अभिभावकों से पूछताछ की गई। जांच में पाया गया है कि आरोपित हेडमास्टर द्वारा बैड टच हुआ था। इस रिपोर्ट को झारखंड सरकार को सौंपा जाएगा। यदि विभागीय कार्रवाई होती है, तो प्रधानाध्यापक को नौकरी से बर्खास्त किया जा सकता है।
इससे पहले, दो दिन पहले विभाग ने जेल में बंद हेडमास्टर को शोकॉज किया गया था, और उसे उपायुक्त के पास पेश किया गया था।
डीसी के आदेश के अनुसार घटना के दिन से हेडमास्टर को सस्पेंड कर दिया गया था। आगे की कार्रवाई के लिए विभाग को रिपोर्ट भेजी गई है। यह घटना मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र बरहेट प्रखंड के एक सरकारी स्कूल की है, जो पिछले 20 जुलाई को हुई थी। इस घटना से शिक्षा जगत में लोगों में सवाल उठने लगे हैं।
यह पहली बार नहीं है कि स्कूल के छात्रों के साथ प्रिंसिपल मोहम्मद शमशाद अली को गलत हरकत करते हुए देखा गया है। उन्हें कई बार अभिभावकों द्वारा पंचायती बुलाकर जुर्माना लगाया गया, लेकिन हेडमास्टर अपनी आदतों से बाज नहीं आए।
घटना के दिन सुबह सुबह अभिभावकों का धरना होने लगा, और अभिभावकों ने प्रिंसिपल को धक्का देकर धुनाई की। बता दें कि हेडमास्टर उधवा प्रखंड का निवासी है।