भागलपुर : बिहार के विश्विद्यालयों में भवनों व शिक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठते रहे हैं। सबसे ज्यादा बदतर स्थिति तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय का है जहां विभागों की दयनीय हालात है। पिछले दिनों 25 अप्रैल को दीक्षांत समारोह में राज्यपाल के सामने मंच पर ही छात्र ने विश्विद्यालय के बदतर हालात को लेकर पर्चियां उड़ाई थी। इसके बाद उस छात्र आलोक को हिरासत में ले लिया था।
छात्र आलोक ने अपने विभाग की स्थितियों को लेकर कई बार कुलपति से आग्रह किया
आईआरपीएम डिपार्टमेंट के छात्र आलोक ने अपने विभाग की स्थितियों को लेकर कई बार कुलपति से आग्रह किया। पीने के पानी तक कि सुविधा महीनों से नहीं है कैंट बंद पड़ा हुआ है। आलोक व अन्य छात्रों ने कई दफा आवेदन दिया। सुनवाई जब नहीं हुई तो ऐसे में आखिरी रास्ता आलोक ने राज्यपाल सह कुलाधिपति के सामने प्रोटेस्ट करने का रास्ता निकाला। हमने विभाग पहुंच हालातों को जाना। आप तस्वीर देखकर सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि विभागों और क्लासरूम की हालत कैसी है। मानों कोई पुराना खंडर हो। भवनों को तो सरकार को हेरीटेज घोषित करना चाहिए क्योंकि कुलपति महोदय इसे दुरुस्त नहीं करवा पा रहे हैं। जहां तहां प्लास्टर गिरता है बाथरूम में दरवाजे टूटे हुए हैं। पुस्तकालय तो मानों भूतिया कमरा जैसा है, किसी भी तरह से भगवान भरोसे विभाग संचालित है।
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छात्र यहां पढ़ते हैं उनके भविष्य से खिलवाड़ नहीं है तो क्या है?
अब सवाल है कि जो छात्र यहां पढ़ते हैं उनके भविष्य से खिलवाड़ नहीं है तो क्या है। क्या प्रबंधन को कैंट और शौचालय के दरवाजे तक के पैसे नहीं हैं। क्या भवनों को दुरुस्त करने रंगाई करने खिड़की दरवाजे लगाने के पैसे नहीं हैं। क्या विश्वविद्यालयों में विभागों की स्थिति ऐसी होती है। अगर नहीं तो इसपर कुलपति और महामहिम राज्यपाल अपनी नजर-ए- इनायत कब करेंगे।
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राजीव ठाकुर की रिपोर्ट