रांची: महाशिवरात्रि के अवसर पर 26 फरवरी को राजधानी रांची में भव्य शिव बारात निकाली जाएगी। इसे देखते हुए रांची पुलिस ने शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में बड़े बदलाव किए हैं। शिव बारात के दौरान कई मार्गों पर वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा, साथ ही विभिन्न स्थानों पर बैरिकेडिंग की जाएगी।
Highlights
इन मार्गों पर रहेगा ट्रैफिक प्रतिबंध
शहर में सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक बड़े वाहनों की नो-एंट्री रहेगी। भारी मालवाहक वाहन, सिटी राइड बसें और अन्य बड़े वाहन नगर क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकेंगे।
- न्यू मार्केट चौक: जुलूस के दौरान सभी प्रकार के वाहनों का न्यू मार्केट चौक के पहले प्रवेश वर्जित रहेगा।
- रातू रोड एवं हरमू चौक: जुलूस के गुजरने के बाद ही इन मार्गों पर वाहनों की आवाजाही शुरू होगी।
- बूटी मोड़ – बरियातू रोड मार्ग: बड़े वाहन इस मार्ग से नगर क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। छोटे वाहन करमटोली चौक से जेल चौक की ओर जा सकेंगे।
- बोड़ेया रोड, कांके रोड: छोटे वाहन करमटोली चौक से जेल चौक जा सकेंगे और बरियातू रोड से बूटी मोड़ की ओर जा सकेंगे।
बाहर से आने वाले वाहनों के लिए निर्देश
- कांके से आने वाले वाहन – बोड़ेया तक
- चाईबासा-खूंटी मार्ग – बिरसा चौक तक
- गुमला-सिमडेगा मार्ग – कटहल मोड़ तक
- पलामू-लोहरदगा मार्ग – पिस्का मोड़ तक
- जमशेदपुर मार्ग – दुर्गा सोरेन चौक एवं कुसई घाघरा तक
- कांके-पतरातू मार्ग – चांदनी चौक तक
शिव बारात मार्ग पर होगी बैरिकेडिंग
शिव बारात के सुचारू संचालन के लिए पुलिस ने कई महत्वपूर्ण स्थानों पर बैरिकेडिंग की व्यवस्था की है।
- शनि मंदिर से पहाड़ी मंदिर मार्ग
- दुर्गा मंदिर से पहाड़ी मंदिर मार्ग
- मीनाक्षी गली, सुखदेव नगर, बालाजी मंदिर के पास
- गौशाला कटिंग से पहाड़ी मंदिर मार्ग
शिव बारात का रूट
शिव बारात इंद्रपुरी, रातू रोड से शुरू होकर मेट्रोगली, रानी सती मंदिर, पहाड़ी मंदिर, बानो मंजिल मार्ग, गाड़ीखाना, कार्ट सराय रोड, जेजे रोड, शहीद चौक से होते हुए पुस्तक पथ, गांधी चौक, मारवाड़ी टोला, महावीर चौक, प्यादा टोली, रातू रोड से गुजरेगी और आरआर स्पोर्टिंग दुर्गा पूजा समिति प्रांगण में समापन होगा।
ट्रैफिक पुलिस की अपील
रांची ट्रैफिक पुलिस ने शहरवासियों से अपील की है कि वे 26 फरवरी को शिव बारात के मार्गों का कम से कम उपयोग करें और वैकल्पिक मार्गों का सहारा लें। शिव बारात के भव्य आयोजन को सफल बनाने के लिए पुलिस, प्रशासन और श्रद्धालु मिलकर तैयारियों में जुटे हुए हैं।