डाकबंगला चौराहा पर लाठीचार्ज निंदनीय, सांसद सुदामा प्रसाद ने प्रदर्शन का किया नेतृत्व। फुलवारी विधायक गोपाल रविदास गिरफ्तार, अपने इलाकों में माले विधायक उतरे सड़क पर। पूरे राज्य में बंद के समर्थन में प्रदर्शन, रेल व सड़क यातायात प्रभावित। दलित समुदाय के अतिवंचित तबके के आर्थिक-शैक्षिक विकास की गारंटी करे सरकार, जाति गणना हो
पटना: सुप्रीम कोर्ट द्वारा SC-ST आरक्षण में क्रीमी लेयर और उप-वर्गीकरण के फैसले के खिलाफ भारत बंद के समर्थन में माले कार्यकर्ताओं ने पूरे राज्य में प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने रेल और सड़क यातायात बाधित किया। राजधानी पटना में आरा से नवनिर्वाचित माले सांसद सुदामा प्रसाद ने भारत बंद के समर्थन में प्रदर्शन किया। डाकबंगला चौराहा पर प्रदर्शनकारियों पर प्रशासन ने बल प्रयोग किया। माले राज्य सचिव कुणाल ने इस लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की है।
फुलवारी में भारत बंद के समर्थन में जुलूस निकालते हुए सैकड़ों समर्थकों के साथ माले विधायक गोपाल रविदास को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। नेमा और पुनपुन के बीच बिहटा-सरमेरा पथ को प्रदर्शनकारियों ने घंटों बाधित रखा। सिवान में विधायक अमरजीत कुशवाहा, दरौली में सत्यदेव राम, अरवल में महानंद सिंह आदि विधायकों ने बंद के समर्थन में आयोजित जुलूस का नेतृत्व किया। माले के युवा नेता राजू यादव ने भी बंद का नेतृत्व किया। जहानाबाद में भी कुछ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
माले सांसद सुदामा प्रसाद ने डाकबंगला चौराहा पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कहा कि एससी-एसटी में क्रीमी लेयर और उप वर्गीकरण दलितों के बीच विभाजन डालने और आरक्षण खत्म करने की साजिश है। केंद्र सरकार ने दबाव के बाद क्रीमी लेयर लागू करने से तो इंकार कर दिया है लेकिन कोटा में कोटा पर चुप है। दूसरी ओर भाजपा आज लैटरल इंट्री द्वारा अधिकारियों की नियुक्ति में आरक्षण पर सीधे तौर पर हमला कर रही है।
उन्होंने कहा कि उप वर्गीकरण के लिए सबसे पहले आंकड़ों की जरूरत होगी। लेकिन हमारे देश में 1931 के बाद कोई जाति गणना हुई ही नहीं है। जाति गणना की बात कौन कहे भाजपा तो आज सामान्य गणना भी नहीं करवा रही है। ऐसे में उप-वर्गीकरण की कोई बात केवल और केवल बहुजनों के बीच फूट पैदा करने का काम करेगा। दलितों में हाशिए पर रहे गए जाति समुदायों का यदि आर्थिक व शैक्षिक विकास नहीं हो सका है तो इसके लिए हमारी सरकारें ही जिम्मेवार हैं।
बिहार में महादलित आयोग बनाने वाले नीतीश कुमार को जवाब देना चाहिए कि मुसहर, भुईंया आदि जातियां आज भी विकास के तमाम बड़बोले दावे के बावजूद भयावह गरीबी, अशिक्षा और पलायन का दंश क्यों झेल रहे हैं? सामाजिक-आर्थिक सर्वे ने बताया कि मुसहर समुदाय की 54 प्रतिशत से अधिक आबादी महागरीबी रेखा के नीचे है। उनके भीतर शिक्षा की हालत बहुत ही खराब है। इसकी जवाबदेही सरकार की नहीं तो और किसकी है?
उन्होंने यह भी कहा कि आरक्षण और आर्थिक-शैक्षिक विकास को एक दूसरे के विकल्प के रूप में नहीं बल्कि एक दूसरे के पूरक के रूप में देखना चाहिए, तभी सभी तबके को मजबूती मिल सकेगी। आरा में आइसा के कार्यकर्ताओं ने रानी कमला पति एक्सप्रेस के परिचालन को ठप्प किया। आरा बस स्टैंड में सुबह से ही माले कार्यकर्ता धरना देकर बैठे रहे जिसके कारण एनएच 30 पर यातायात पूरी तरह बाधित रहा।
भोजपुर के शाहपुर, जगदीशपुर, कोइलवर, पीरो, तरारी, पवना बाजार, रोहतास के नासरीगंज, अरवल, मुजफ्फरपुर, सिवान, जहानाबाद, मधेपुरा, समस्तीपुर, गया, दरभंगा, औरंगाबाद आदि जिलों में भी बंद समर्थकों ने जुलूस निकालकर बंद को सफल बनाया। मुजफ्फरपुर में एनएच 57 पर परिचालन बाधित रहा।
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