रांची: झारखंड में दो घोड़ों का दौरा हो रहा है सुस्त घोड़े को जगाने के लिए, लेकिन दो घोड़े जो आ रहे हैं सुस्त घोड़े को जगाने के लिए उन्हें यह पता होना चाहिए कि जो सुस्त घोड़े होते हैं उन्हें फुर्तीला बनाने के लिए स्वादिष्ट चना खिलाना होता है जिसमे स्वाद के साथ प्रोटीन और विटामिन की प्रर्याप्त मात्रा भी हो लेकिन जहां से यह तेज घोड़े आ रहे हैं वहां पर चनों का व्यापार नहीं होता और ना ही चनों की खेती होती है।
ये दोनों घोड़े आते हैं सुस्त घोड़े को जगाने की कोशिश करते हैं और फिर चले जाते हैं, फिर आए हैं इस बार इन्होंने घोड़ो को जगाया ही नहीं खुद निकल पड़े व्यापार के लिए अचानक सुस्त घोड़े की नींद खुली उन्हें लगा की वह पीछे रह जाएंगे स्वादिष्ट चना खाने में, वह कूदे और भाग कर तेज घोड़े के पीछे लग गए, अब देखना दिलचस्प होगा कि इन सुस्त घोड़े को स्वादिष्ट और पौष्टिक चना मिलता है या नहीं।
इन घोड़े का एक सरदार है जो आज आया है इन्हें व्यापार सीखाने, आज इनकी क्लास लेने, क्लास बड़ी होगी उसमें दूर दराज से कई घोड़े आएंगे सीखने के लिए की कैसे व्यापार होता है पर उनकी सुस्ती कैसे गायब होगी क्योंकि चार महीने के बाद बड़ा मेला लगने वाला है जिसमें अलग-अलग क्वालिटी और किस्म के चने बिकेंगे लेकिन जो तेज होगा जो फुर्तीला होगा वही इस मेले में चने खरीद पाएगा।
इसी की ट्रेनिंग देने तो घोड़ों का सरदार आया है, वह एक्सपर्ट है व्यापार करने में उसका लंबा अनुभव है चनों के व्यापार का, देश के कई हिस्सों में उसने ख्याति प्राप्त कर रखी है अब देखते हैं यहां के जो सुस्त घोड़े हैं उन्हें कितना फुर्तीला कितना चुस्त दुरुस्त, घोड़े का यह सरदार और जो दो फास्ट घोड़े हैं वह बना पाते हैं.