गोपालगंज: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री सह व्यवसायी बाबा सिद्दीकी की हत्या की खबर से उनके पैतृक गांव में भी मातम का माहौल हो गया है। बाबा सिद्दीकी के पैतृक गांव गोपालगंज के मांझा शेखटोली में भी मातम पसर गया। उनकी हत्या की खबर के बाद उनके पैतृक घर पर लोगों की भीड़ जुटने लगी।
लोगों ने बताया कि उनके पिता अब्दुल रहीम बहुत पहले रोजगार की तलाश में मुंबई गए थे और घड़ी बनाने का काम करना शुरू कर दिया था। बाबा सिद्दीकी का जन्म भी मुंबई में ही हुआ। वे तीन भाई थे, एक का नाम रियाज सिद्दीकी, दूसरे भाई का नाम अजीत सिद्दीकी था। बाबा सिद्दीकी अपने भाइयों में सबसे बड़े थे और वे बचपन से ही मेधावी होने के साथ ही सामाजिक गतिविधियों में रहते थे।
उन्होंने छात्र जीवन में ही नेतागिरी शुरू कर दिया था और वे पहली बार कांग्रेस से विधायक बने थे। दूसरी बार में वे महाराष्ट्र सरकार में मंत्री बने। उनका लगाव हमेशा ही अपने पैतृक गाँव से रहा। वे अंतिम बार वर्ष 2022 में अपने पैतृक गाँव आये थे और अपने पिता अब्दुल रहीम मेमोरियल ट्रस्ट के नाम से संस्था बना कर बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा केंद्र खोला था।
मांझा के शेखटोली निवासी बाबा सिद्दीकी के भतीजे मो फुरकान, शाहाबू नशा और ग्रामीणों ने बताया कि बाबा सिद्दीकी का एक बेटा और एक बेटी है। बेटा भी महाराष्ट्र में विधायक और बेटी डॉक्टर है। बाबा सिद्दीकी पहले कांग्रेस से जुड़े थे जबकि पिछले कुछ दिनों से एनसीपी अजीत पवार गुट से जुड़े थे।
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गोपालगंज से सुशील श्रीवास्तव की रिपोर्ट
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