डीवीसी बकाया मामले में बढ़ी सरकार की मुश्किलें
जेएमएम ने जताई वित्तीय संकट की आशंका
केंद्र ने राज्य सरकार के खाते से काटी 714 करोड़ रुपये
डीवीसी बकाया मामले में केंद्र ने काटा पैसा
रांची : झारखंड में आने वाले दिनों में सरकारी कर्मचारियों को सैलरी मिलना मुश्किल हो सकता है। वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव और झामुमो का कहना है कि केंद्र सरकार ने दामोदर वैली कॉरपोरेशन (DVC) बकाया मामले में जिस तरह से राज्य सरकार के खाते से पैसे काट रही है उससे आने वाले समय में परेशानी बढ़ना तय है।
दामोदर वैली कॉरपोरेशन (DVC) के बकाया ने राज्य सरकार की परेशानी बढ़ा दी है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के खाते से सात सौ चौदह करोड़ रुपये की राशि काट ली है। अब सत्ताधारी गठबंधन की मुख्य पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा को अंदेशा है कि बकाया 2100 करोड़ की राशि भी अक्टूबर से दिसंबर तक खाते से काट ली जाएगी। उन्होंने कहा कि, यही स्थिति रही तो राज्य कर्मियों को सैलरी देना भी मुश्किल हो जाएगा।
भाजपा नेताओं पर आरोप लगाते हुए विनोद कुमार पांडे ने कहा कि बीजेपी के सांसद इस मसले को लेकर केंद्र पर दबाव नहीं बनाते हैं। इस आरोप का जवाब देते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अमित कुमार सिंह ने कहा कि बार-बार कहने के बावजूद भी बकाया नहीं मिला तो केंद्र सरकार ने अपना कदम उठाया है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा का तर्क है कि राज्य सरकार DVC को लेकर त्रिपक्षीय समझौते से अलग हो चुकी है, लिहाजा केंद्र को हेमंत कैबिनेट के निर्णय को महत्व देना चाहिए। दरअसल 2017 में केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय, झारखंड सरकार और दामोदर वैली क़ॉरपोरेशन के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ था। इसके तहत राज्य सरकार को छह महीने में बकाया राशि जमा करना था। ऐसा न करने पर आरबीआई में राज्य सरकार के खाते से पैसा ऊर्जा मंत्रालय को ट्रांसफर किए जाने की बात थी, जो समय-समय पर केंद्र सरकार निकाल रही है।
दरअसल हेमंत सोरेन जब सत्ता में आए तो उन्होंने त्रिपक्षीय समझौते से अलग होने का एलान कर दिया। उसके लिए उन्होंने कैबिनेट से पास भी कर दिया। लेकिन केंद्र सरकार और DVC इसे नहीं मान रहे हैं। झारखंड सरकार DVC से बिजली खरीद कर राज्य के सात जिलों में सप्लाई करती है। इसी बिजली का पैसा बकाया है।
रिपोर्ट : शाहनवाज