रांची: राजधानी रांची में लचर ट्रैफिक व्यवस्था पर हाईकोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई है। इस मामले में जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस रोंगन मुखोपाध्याय और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने सख्त लहजे में नगर निगम को आदेश दिया। कोर्ट ने पूछा-ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है।
जहां-तहों जाम की स्थिति बन रही है। नगर निगम के वकील प्रशांत सिंह का जवाब सुनकर कोर्ट ने असंतोष जताते हुए ट्रैफिक एसपी को तलब कर लिया। कहा- ट्रैफिक एसपी आज कोर्ट में पेश होकर जानकारी दें।
कोर्ट ने नगर निगम से पूछा कि रांची में ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार क्यों नहीं हो रहा है। शहर में दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती है। कई ट्रैफिक सिग्नल खराब क्यों हैं।
सुजाता चौक, कोकर आदि जगहों पर मल्टी स्टोरी पार्किंग की व्यवस्था अब तक क्यों नहीं की गई है। ट्रैफिक सिग्नल का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों का लाइसेंस क्यों नहीं निलंबित किया जा रहा है। शहर के लोगों को ट्रैफिक रूल की जानकारी क्यों नहीं दी जा रही है।
कोर्ट के इन सवालों का जवाब देते हुए निगम के अधिवक्ता ने कहा है कि ट्रैफिक का उल्लंघन करने वालों से जुर्माने के रूप में 1000 हजार रुपए वसूले जा रहे हैं। शहर में फ्लाईओवर निर्माण की वजह से जाम की स्थिति बनी हुई है। कांटाटोली फ्लाईओवर का निर्माण दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है।
फ्लाईओवर निर्माण के बाद ही जाम की स्थिति से शहर के लोगों को निजात मिलेगी। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि फुटपाथ दुकानदारों की वजह से सड़कों पर अतिक्रमण से जाम की स्थिति ज्यादा है।