कोडरमा : एक व्यक्ति की मौत की अलग-अलग तारीख बता कर दो गज जमीन की खातिर ननद और भौजाई की लड़ाई में दो सरकारी विभाग घिरा हुआ नजर आ रहा है. यह मामला कोडरमा नगर पंचायत के फरेंदा का है, जहां से मृत व्यक्ति के द्वारा मौत के बाद जमीन रजिस्ट्री की बात सामने आई थी.
कोडरमा नगर पंचायत क्षेत्र के फरेंदा में अर्धनिर्मित मकान का यह वही जमीन का हिस्सा है, जिसके लिए एक व्यक्ति की मौत के दो अलग-अलग तारीख बताई जा रही है और जमीन पर अपना हक बताया जा रहा है. चमेली देवी अपने ससुर बैजनाथ सिंह की मौत दिसंबर 2017 में होने का हवाला दे रही है. वहीं उनकी ननद मौत के बाद जमीन रजिस्ट्री का खुलासा कर रही है. बैजनाथ सिंह की बेटी मीना मृत्यु प्रमाण पत्र पर ही सवाल उठाते हुए, पिता की मौत दिसंबर 2018 में होने की बात बता रही है और इसे लेकर सबूत भी दिखा रही है.
कटघरे में दोनों विभाग
विवाद का यह मामला जमीन और मृत्यु प्रमाण पत्र से जुड़ा हुआ है, ऐसे में मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने वाला नगर पंचायत और जमीन की रजिस्ट्री करने वाला निबंधन विभाग दोनों सवालों के कटघरे में है. यह दोनों विभाग भी इस विवाद से घिरा हुआ नजर आ रहा है. फरेंदा की आंगनबाड़ी सेविका का कहना है कि मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए जो दस्तावेज सत्यापित कर उन्होंने नगर पंचायत में जमा किए थे, उस तारीख में छेड़छाड़ किया गया है.
कार्यपालक पदाधिकारी ने दिया ये जवाब
वही नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी जितेंद्र कुमार जैसल का कहना है कि मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करने के लिए जो दस्तावेज कार्यालय में जमा किए गए थे, उन्हीं के आधार पर मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है और अगर कोई गड़बड़ी हुई है तो इसकी जांच कराई जाएगी।
निबंधन पदाधिकारी ने बताया ये नियम
इधर, पूरे मामले पर निबंधन पदाधिकारी जयपाल सोय ने बताया कि जमीन के निबंधन के लिए निबंधन कार्यालय में क्रेता और विक्रेता का सशरीर उपस्थिति अनिवार्य है। आधार कार्ड के साथ फिंगर प्रिंट लिया जाता है और उसके बाद ही निबंधन की प्रक्रिया पूरी होती है।
2 डिसमिल जमीन का है विवाद
इस घटना को लेकर पिछले कुछ दिनों से जिले में कुछ दैनिक अखबार और यूट्यूब चैनल पर मृत व्यक्ति द्वारा रजिस्ट्री किए जाने की खबरें भी वायरल हुई. लेकिन, अक्टूबर 2018 में जब बैजनाथ सिंह ने अपनी पुत्री मीना देवी को 2 डिसमिल जमीन की रजिस्ट्री की थी तो बतौर पहचान इलाके के पूर्व मुखिया महादेव यादव रजिस्ट्री के कागजात पर दस्तखत भी किए थे. उन्होंने कहा कि अगर रजिस्ट्री गलत है तो वे लोग दोषी है. दो गज जमीन पर अपनी हकदारी साबित करने के लिए जिस तरह से स्वर्गीय बैजनाथ सिंह की बेटी और बहू के बीच विवाद ने जन्म ले लिया है. उस विवाद में मृत्यु की तारीख घोषित करने वाला नगर पंचायत और निबंधन विभाग आमने-सामने है.
रिपोर्ट : अमित कुमार