यूजर को जानने का अधिकार है कि उसे कौन कर रहा काॅल

यूजर को जानने का अधिकार है कि उसे कौन कर रहा काॅल

रांची: फोन स्क्रीन पर काॅलर के नाम को प्रदर्शित करना सरकार अनिवार्य कर सकती है। सरकार भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के इस प्रस्ताव के पक्ष में दिख रही है और इसे लेकर सकारात्मक फैसले की उम्मीद है।

ट्राई के इस प्रस्ताव पर दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मोबाइल फोन इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों की सुरक्षा और उनकी निजता दोनों ही महत्वपूर्ण है।

ग्राहकों को यह जानने का अधिकार है कि उसे कौन फोन कर रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह ट्राइ के इस प्रस्ताव की समीक्षा करेंगे और उसके बाद इस पर फैसला लिया जाएगा।

अभी मोबाइल फोन पर काल करने वाले का सिर्फ नंबर दिखाई पड़ता है। कालिंग लाइन आइडेंटिफिकेशन प्रेजेंटेशन (सीएलआइपी) सेवा के तहत फोन के स्क्रीन पर काल करने वाले का नंबर दिखता है।

ट्राई का कहना है कि दूरसंचार कंपनियों को सीएलआइपी में नाम के प्रदर्शन की सेवा जोड़नी होगी। अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे देशों में पहले से कालर के नाम को स्क्रीन पर प्रदर्शित किया जाता है।

यूएई ने तो वहां बिकने वाले हैंडसेट मैं उस फीचर को समाहित करना भी अनिवार्य कर दिया है, जिसकी मदद से काल करने वाले का नाम स्क्रीन पर दिखता है। हालांकि कुछ मोबाइल फोन में पहले से यह फीचर है।

ट्राई के प्रस्ताव के मुताबिक ऐसी सुविध फीचर बिना इंटरनेट वाले फोन में भी देनी होगी. कंपनियों को डाटा बेस तैयार करना होगा। प्रस्ताव के  मुताबिक स्क्रीन पर नाम के सही प्रदर्शन के लिए दूरसंचार कंपनियों को मास्टर डाटाबेस तैयार करना होगा। स्क्रीन पर काल करने वाले का सही नाम प्रदर्शित हो, यह जिम्मेदारी भी दूरसंचार कंपनियों की होगी।

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