Desk: गुजरात के जामनगर स्थित वनतारा प्रोजेक्ट (Vantara) को लेकर एक बार फिर देश के लिए गर्व की खबर आई है। सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिलने के बाद अब ‘अंतरराष्ट्रीय वन्यजीव व्यापार संधि (CITES)’, जो विश्व स्तर पर वन्यजीवों के संरक्षण और उनके अवैध व्यापार पर निगरानी रखने वाली संस्था ने भी वनतारा (Vantara) और उससे जुड़ी संस्थाओं की कार्यप्रणाली की उच्च स्तर पर सराहना की है।
CITES ने क्या कहा अपनी रिपोर्ट में:
CITES की विस्तृत जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि जामनगर स्थित ‘ग्रीन ज़ूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिकवरी सेंटर’ (GZRRC) और ‘राधाकृष्ण टेम्पल एलिफेंट वेलफेयर ट्रस्ट’ (RKTEWT) अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप संचालित हो रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार इन दोनों संस्थानों में पशुओं के लिए आधुनिक बाड़े, अत्याधुनिक चिकित्सीय सुविधाएं, प्रशिक्षित विशेषज्ञ स्टाफ और पुनर्वास के लिए वैज्ञानिक रूप से विकसित वातावरण उपलब्ध कराया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार वनतारा ने पशु चिकित्सा, संरक्षण और पुनर्वास के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। यहां न केवल घायल या बीमार पशुओं का उपचार किया जाता है, बल्कि उन्हें प्राकृतिक माहौल में पुनर्वासित भी किया जाता है।
पारदर्शिता और वैधता पर CITES का बयानः
CITES की जांच में यह पाया गया कि वनतारा से जुड़ी संस्थाओं द्वारा किए गए सभी पशु आयात वैध और पारदर्शी हैं। हर पशु को CITES द्वारा जारी निर्यात या पुनः-निर्यात परमिट के तहत भारत लाया गया। रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया कि किसी भी पशु को अवैध रूप से या बिना अनुमति के भारत नहीं लाया गया है। इसके अलावा, जांच में किसी भी तरह की वाणिज्यिक गतिविधि या पशु व्यापार का प्रमाण नहीं मिला। यानी, इन संस्थानों का उद्देश्य पूरी तरह संरक्षण, उपचार और पुनर्वास पर केंद्रित है न कि मुनाफे या व्यापारिक लाभ पर।
कैमरून केस: पारदर्शिता का उदाहरण
रिपोर्ट में वनतारा की पारदर्शिता को रेखांकित करते हुए यह भी उल्लेख किया गया कि संस्था ने कैमरून से चिंपांज़ियों के आयात को खुद ही रद्द कर दिया था। इसका कारण यह था कि उस प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी पाई गई थी। यह निर्णय संस्था की ईमानदारी और वैश्विक मानकों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भारत की वन्यजीव नीति पर अंतरराष्ट्रीय प्रशंसा
CITES ने अपनी रिपोर्ट में भारत की वन्यजीव संरक्षण नीति और नियामक ढांचे की भी प्रशंसा की है। संस्था ने कहा कि भारत सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि वन्यजीव आयात, पालन-पोषण और देखरेख की सभी प्रक्रियाएं भारतीय कानूनों और अंतरराष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के अनुरूप हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की वन्यजीव सुरक्षा प्रणाली वैश्विक मानकों पर खरी उतर रही है। वनतारा जैसे संस्थान यह प्रमाण हैं कि संरक्षण और आधुनिक विज्ञान के बीच संतुलन संभव है।
Vantara Project – वैश्विक स्तर पर मिसालः
CITES ने यह भी सिफारिश की है कि वनतारा अपनी अनुसंधान, तकनीक और अनुभव को अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय के साथ साझा करे ताकि अन्य देश भी इससे प्रेरणा लेकर वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में प्रगति कर सकें। वनतारा प्रोजेक्ट ने अब तक कई संकटग्रस्त प्रजातियों को सुरक्षित जीवन प्रदान किया है। इसमें हाथी, शेर, बाघ, हिरण, पक्षी और अन्य प्रजातियों की चिकित्सा और पुनर्वास से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं।
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