कैमूर : खबर बिहार के कैमूर जिले से जहां कैमूर में शिक्षा के मंदिर में प्रार्थना करने के दौरान प्रधानाध्यापिका एवं शिक्षक के बीच आपस में जूता-चप्पल चलाने का तेजी से वीडियो वायरल हो रहा है। ज्ञात हो कि यह ताजा मामला जिले के दुर्गावती प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत छांव पंचायत के प्राथमिक विद्यालय मधुरा बताया जा रहा है। विद्यालय की महिला प्रधानाध्यापिका एवं शिक्षक के बीच आपस में अभद्र भाषा व अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया जा रहा है। साथ ही जूता और चप्पल चलाने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ-साफ दिख रहा है कि किस प्रकार से विद्यालय की महिला प्रधानाध्यापिका एवं पुरुष शिक्षक के बीच अभद्र व अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया जा रहा था।
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शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के बीच तैनाव का माहौल बना हुआ है – पंचायत मुखिया प्रतिनिधि
बता दें कि शिक्षा के मंदिर में जब शिक्षक ही आपस में भिड़ेंगे व लड़ेंगे व अभद्र भाषा एवं अमर्यादित भाषा का प्रयोग करेंगे। आखिरकार विद्यालय के बच्चें और बच्चियों पर इसका कितना असर पड़ेगा आप लोगों ने कभी यह सोचा है। विद्यालय कि इस पूरे घटना के मामलें पर छांव पंचायत मुखिया प्रतिनिधि गजानंद सिंह यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि छांव पंचायत के मधुरा प्राथमिक विद्यालय में लगातार शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के बीच तैनाव का माहौल बना हुआ है। बार-बार विद्यालय की महिला प्रधानाध्यापिक की शिकायत मिल रही थी। तो हमने वहां पर जांच करने के दौरान पहुंचा तो आपस में ही प्रधानाध्यापिका एवं शिक्षक में झड़प हो रही थी। एक-दूसरे के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप महिला प्रधानाध्यापिका एवं पुरुष शिक्षक द्वारा लगाए जा रहे थे।
जिला शिक्षा पदाधिकारी से की गई है शिकायत
इस पूरे घटना की जानकारी मेरे द्वारा मोहनियां अनुमंडल के एसडीएम राकेश कुमार सिंह को भी दी गई। यहां तक की शिक्षा विभाग में हमने फोन के माध्यम से जिला शिक्षा पदाधिकारी अक्षय कुमार पांडेय को भी पूरे मामले की शिकायत किया गया। शिक्षा के मंदिर में लगातार विद्यालय की महिला प्रधानाध्यापिका एवं पुरुष शिक्षक के बीच जूते और चप्पल एक दूसरे के ऊपर तान दिया गया। ऐसे में शिक्षा के मंदिर में जब विद्यालय की प्रधानाध्यापिका एवं शिक्षक अपने में लड़ेंगे तो बच्चों के ऊपर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा। हमने वीडियों भी देखा है। जो तेजी से वायरल भी हुआ है। मैं कैमूर डीएम सावन कुमार से इसकी शिकायत करूंगा और कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग करता हूं।
विद्यालय में शिक्षक व शिक्षिकाएं सुबह 11 बजे के बाद आते हैं – महिला प्रधानाध्यापिका
वहीं इस पूरें मामलें की महिला प्रधानाध्यापिका ने जानकारी देते हुए मीडिया को बताया कि इस विद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षिकाएं सुबह 11 बजे के बाद आते हैं। जब मेरे द्वारा संदर्भ में शिक्षक एवं शिक्षिकाओं से कहाँ गया तो कि बच्चों की कैसे होगी पढ़ाई तो बेवजह हमसे उलझ गएँ और मुझे इस बात के लिए गाली-गलौज करने की बात करने लगें। जबकि मेरे द्वारा इसकी शिकायत शिक्षा विभाग में की है। दूरभाष के माध्यम से।
महिला प्रधानाध्यापिका के द्वारा हमें टॉर्चर किया जाता है – शिक्षक
इस पूरें मामले में शिक्षक ने जानकारी देते हुए बताया कि लगातार महिला प्रधानाध्यापिका के द्वारा हमें टॉर्चर किया जाता है। हमने जब खेलकूद का सामान मांगा तो हमारे जाति सूचक का नाम लेकर अभद्र और अमर्यादित भाषा मुझे बोलने लगी। वहीं प्रधानाध्यापिका के द्वारा ना तो बच्चों को भोजन दिया जाता है। ज्ञात हो कि लगभग तीन माह से विद्यालय में भोजन बंद है। जबकि हमने इसकी शिकायत शिक्षा विभाग के पदाधिकारीयों के साथ-साथ छांव पंचायत मुखिया प्रतिनिधि गजानंद सिंह यादव से भी हमने की।
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वहीं विद्यालय के शिक्षक के शिकायत पर जांच करने पहुंचे शिक्षा विभाग के पदाधिकारी ने कहा कि शिक्षा के मंदिर में शिक्षक एवं प्रधानाध्यापिका एक दूसरे लोग पर जूता और चप्पल तानने का वीडियो वायरल हो रहा है। इसकी जितनी भी निंदा और भरसना की जाए उतनी भी कम पड़ेगी। जबकी विद्यालय में शिक्षक एक दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप लगाते रहें। जबकी ऐसे शिक्षा के मंदिर में बच्चों को कैसे पढाया जाए। मैं जिला पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी को सूचना दूंगा और वीडियो भी उनके पास भेजूंगा इस विद्यालय के सभी शिक्षक के साथ प्रधानाध्यापिका का भी यहां से स्थानांतरण किया जाए। ताकि शिक्षा के मंदिर में जबकी शिक्षक एवं प्रधानाध्यापिका विद्यालय के प्रांगण में एक दूसरे के ऊपर जूता और चप्पल तानने है तो ऐसे में बच्चों के ऊपर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
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देवब्रत तिवारी की रिपोर्ट